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J-K: आर्टिकल 370 पर जवाब देने के लिए SC ने केंद्र को दिया 5 हफ्ते का वक्त, 14 नवंबर को अगली सुनवाई

 सुप्रीम कोर्ट

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जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) हटाने को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) हटाने को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. संविधान बेंच ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 5 हफ्ते का वक्त दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 नबंवर को होगी.

    फैसला आने तक नई याचिका फाइल करने पर रोक
    सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के उस अपील को ठुकरा दिया है, जिसमें केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जवाबी हलफनामे दायर करने के लिए दो सप्ताह से अधिक समय नहीं दिए जाने की गुजारिश की गई थी. इसके साथ ही अदालत ने आर्टिकल 370 को निरस्त करने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कोई भी नई रिट या याचिका दायर करने पर रोक लगा दी है.

    कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले पर रोक से कोर्ट का इनकार
    इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. केंद्र के फैसले के मुताबिक, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बंट जाएगा.

    CJI ने संविधान बेंच को भेजीं सभी याचिकाएं
    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कश्मीर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया है. इन याचिकाओं में कश्मीर में पत्रकारों के आने-जाने पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों का मामला उठाने वाली याचिकाएं और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं. जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान बेंच में कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से शुरू हुई.

    5 अगस्त को कश्मीर पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला
    दरअसल, सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया है. यही नहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया है. इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद करके रखा गया है. कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है. वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट भी बंद है. इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.




    प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शनिवार को एक संविधान पीठ गठित की थी. पीठ के सदस्यों में जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.

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    Tags: Article 370, Jammu kashmir, Modi government, Supreme Court

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