Kisaan Aandolan: सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे बोले- किसान चाहें तो उनका केस फ्री में लड़ने को तैयार

सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे
Kisaan Aandolan: दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसानों का प्रदर्शन लगातार नौ दिनों से जारी है. राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर यातायात बहुत सुस्त रहा है. पुलिस ने दिल्ली को हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली अहम मार्गों को बंद रखा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 7:50 AM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisaan Aandolan) बीते 10 दिनों से जारी है. सरकार से अब तक उनकी चार दौर की वार्ता हो चुकी है. शनिवार को दोनों के बीच पांचवे दौर की बातचीत होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे ने कहा है कि किसान अगर यह मामला अदालत में उठाना चाहते हैं तो वह उनके लिए बिना किसी फीस के केस लड़ने को तैयार हैं.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार किसानों की संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक के बाद एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा 'यदि वे (किसान) किसी भी मामले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चाहते हैं तो मैं बिना किसी फीस के उनकी ओर से अदालत में जाने को तैयार हूं. मैं किसानों के साथ खड़ा हूं.'
बता दें किसानों ने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का शुक्रवार को ऐलान किया और चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे. सरकार के साथ कल होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.
किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, 'आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.'
किसान नेता अपनी मांग पर अडिग
उन्होंने कहा, 'यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है.' उन्होंने कहा कि किसान शनिवार को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे. उन्होंने कहा कि सात दिसम्बर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे.

किसान नेता अपनी इस मांग पर अडिग हैं कि इन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केन्द्र संसद का विशेष सत्र बुलाये. उनका कहना है कि वे नये कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये. शनिवार को अगले दौर की वार्ता में सरकारी पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे और उनके साथ खाद्य मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी होंगे.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार किसानों की संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक के बाद एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा 'यदि वे (किसान) किसी भी मामले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चाहते हैं तो मैं बिना किसी फीस के उनकी ओर से अदालत में जाने को तैयार हूं. मैं किसानों के साथ खड़ा हूं.'
If they (farmers) want to fight any case in High Court & Supreme Court then I am ready to appear for them free of charge. I stand with farmers: Advocate Dushyant Dave & president of Supreme Court Bar Association after meeting members of Sangharsh Committee of farmers. (4.12) pic.twitter.com/QCpwJCQYt2
— ANI (@ANI) December 4, 2020
बता दें किसानों ने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का शुक्रवार को ऐलान किया और चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे. सरकार के साथ कल होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.
किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, 'आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.'
किसान नेता अपनी मांग पर अडिग
उन्होंने कहा, 'यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है.' उन्होंने कहा कि किसान शनिवार को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे. उन्होंने कहा कि सात दिसम्बर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे.
किसान नेता अपनी इस मांग पर अडिग हैं कि इन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केन्द्र संसद का विशेष सत्र बुलाये. उनका कहना है कि वे नये कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये. शनिवार को अगले दौर की वार्ता में सरकारी पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे और उनके साथ खाद्य मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी होंगे.