Central Vista Project: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, PM मोदी के कार्यक्रम को इजाजत

सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह मामले पर फैसला आने तक सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए इमारत गिराने या निर्माण का काम नहीं करेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 7, 2020, 6:28 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा (Central Vista Project) यानी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नई संसद से जुड़े निर्माण संबंधी एक याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट वाली जगह पर कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई की जिसमें केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य के तरीकों पर आपत्ति जाहिर की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेंट्रल विस्ट परियोजना (Central Vista Project) का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माणकार्य या इमारतों को गिराने की अनुमति नहीं देगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के निर्माण को लेकर सरकार के विचारों की जानकारी देने के लिए केंद्र को पांच मिनट का समय दिया. अदालत ने कहा कि केंद्र सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवश्यक कागजी कार्य कर सकता है और नींव रखने के प्रस्तावित समारोह का आयोजन कर सकता है.
Central Vista Project: केंद्र सरकार ने न्यायालय को भरोसा दिलायाकेंद्र ने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि वह मामले पर शीर्ष अदालत का फैसला आने तक सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के लिए इमारत गिराने या निर्माण का काम नहीं करेगा. हालांकि कोर्ट ने न्यायालय ने केंद्र को सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी.
बता दें 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद की आधार शिला रखेंगे. इस साल सितंबर महीने में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. यह नया भवन ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा.
प्रधानमंत्री 10 दिसंबर को रखेंगे नए संसद भवन की आधारशिला
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे और 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले नए भवन का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है.
बिरला ने प्रस्तावित भवन के बारे में विवरण पेश करते हुए कहा, ‘लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अपने 100 साल पूरे कर रहा है.... यह देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा.’

उन्होंने कहा, ‘नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी. आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर (2022) संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा.’ लोकसभा अध्यक्ष के अनुसार, संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी और इसके निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे तथा 9000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेंट्रल विस्ट परियोजना (Central Vista Project) का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माणकार्य या इमारतों को गिराने की अनुमति नहीं देगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के निर्माण को लेकर सरकार के विचारों की जानकारी देने के लिए केंद्र को पांच मिनट का समय दिया. अदालत ने कहा कि केंद्र सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवश्यक कागजी कार्य कर सकता है और नींव रखने के प्रस्तावित समारोह का आयोजन कर सकता है.
Central Vista Project: केंद्र सरकार ने न्यायालय को भरोसा दिलायाकेंद्र ने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि वह मामले पर शीर्ष अदालत का फैसला आने तक सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के लिए इमारत गिराने या निर्माण का काम नहीं करेगा. हालांकि कोर्ट ने न्यायालय ने केंद्र को सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी.
बता दें 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद की आधार शिला रखेंगे. इस साल सितंबर महीने में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. यह नया भवन ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा.
प्रधानमंत्री 10 दिसंबर को रखेंगे नए संसद भवन की आधारशिला
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे और 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले नए भवन का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है.
बिरला ने प्रस्तावित भवन के बारे में विवरण पेश करते हुए कहा, ‘लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अपने 100 साल पूरे कर रहा है.... यह देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा.’
उन्होंने कहा, ‘नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी. आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर (2022) संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा.’ लोकसभा अध्यक्ष के अनुसार, संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी और इसके निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे तथा 9000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी.