CJI ने जम्मू-कश्मीर से जुड़ी सभी याचिकाएं संविधान पीठ को भेजी

प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कश्मीर (Jammu Kashmir) को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया है. जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान पीठ कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से करेगी.
- News18Hindi
- Last Updated: September 30, 2019, 3:09 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को फिलहाल के लिए संविधान पीठ को वापस भेज दिया है, जिस पर कल यानी मंगलवार को सुनवाई होगी. हालांकि इसके बाद भी इन मामलों से जुड़े वकील कोर्ट रूम में जिरह करने लगे तो प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा कि अभी अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई शुरू करनी है. अभी इसका टाइम नहीं टाइम नहीं है. आप कश्मीर बेंच के पास जाइए. बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया है. इन याचिकाओं में कश्मीर में पत्रकारों के आने-जाने पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों का मामला उठाने वाली याचिकाएं और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं. जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान पीठ कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से करेगी.
अयोध्या पर सीजेआई ने क्या कहा था?
अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि अयोध्या केस पर 18 अक्टूबर तक सुनवाई खत्म होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर चार हफ्ते में हमने फैसला दे दिया, तो ये एक चमत्कार की तरह होगा. लेकिन अगर सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म नहीं हुई, तो फैसला संभव नहीं हो पाएगा. साथ ही CJI ने कहा कि 18 अक्टूबर के बाद एक भी दिन अतिरिक्त नहीं है. इसलिए पक्षकार इसी समय सीमा में सुनवाई पूरी करें.
अयोध्या पर सुनवाई का आज 34वां दिन
सुप्रीम कोर्ट में आज रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की रोजाना सुनवाई हो रही है. सोमवार को सुनवाई का 34वां दिन है. शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की दलीलें जारी रही थीं, आज भी मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख रहा है. इसके बाद हिंदू पक्ष की ओर से उनका जवाब दिया जाएगा.

कश्मीर के किन मामलों पर दायर हुई है याचिका?
दरअसल, सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया है. यही नहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया है. इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद करके रखा गया है. कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है. वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट भी बंद है. इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. (PTI इनपुट के साथ)
ये भी पढ़ें : चीफ जस्टिस गोगोई के रिटायरमेंट के बाद 5 साल में कौन होगा 7वां CJI?
राम जन्मभूमि केस : फैसले से पहले ही CJI हो गए रिटायर तो क्या होगा! जानिए किन तरीकों से आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया है. इन याचिकाओं में कश्मीर में पत्रकारों के आने-जाने पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों का मामला उठाने वाली याचिकाएं और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं. जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान पीठ कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से करेगी.
अयोध्या पर सीजेआई ने क्या कहा था?
अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि अयोध्या केस पर 18 अक्टूबर तक सुनवाई खत्म होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर चार हफ्ते में हमने फैसला दे दिया, तो ये एक चमत्कार की तरह होगा. लेकिन अगर सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म नहीं हुई, तो फैसला संभव नहीं हो पाएगा. साथ ही CJI ने कहा कि 18 अक्टूबर के बाद एक भी दिन अतिरिक्त नहीं है. इसलिए पक्षकार इसी समय सीमा में सुनवाई पूरी करें.

18 अक्टूबर तक आएगा अयोध्या केस पर फैसला
अयोध्या पर सुनवाई का आज 34वां दिन
सुप्रीम कोर्ट में आज रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की रोजाना सुनवाई हो रही है. सोमवार को सुनवाई का 34वां दिन है. शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की दलीलें जारी रही थीं, आज भी मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख रहा है. इसके बाद हिंदू पक्ष की ओर से उनका जवाब दिया जाएगा.

कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं.
कश्मीर के किन मामलों पर दायर हुई है याचिका?
दरअसल, सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया है. यही नहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया है. इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद करके रखा गया है. कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है. वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट भी बंद है. इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. (PTI इनपुट के साथ)
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