सूरत: बंगाल से अगवा की गई लड़की को छुड़वाया गया, घरेलू काम के लिए खरीदकर बनाया था बंधक

सूरत में रेस्क्यू की गई युवती. (File Pic)
Surat: इस युवती को घर के काम करने के लिए दिल्ली की चौहान ब्रदर्स प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा सूरत घोड़दौड़ रोड के मेघरथ अपार्टमेंट में रहने वाले एक कारोबारी को मुहैया कराया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: February 3, 2021, 6:17 PM IST
सूरत. गुजरात (Gujarat) के सूरत में एक मानव तस्करी (Human Trafficking) किए जाने का मामला सामने आया है. यहां एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग स्कॉड ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) से अगवा की गई 18 साल की युवती को रेस्क्यू किया है. यह कार्रवाई दिल्ली स्थित एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन की शिकायत पर की गई है. इस युवती को घर के काम करने के लिए दिल्ली की चौहान ब्रदर्स प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा सूरत घोड़दौड़ रोड के मेघरथ अपार्टमेंट में रहने वाले एक कारोबारी को मुहैया कराया गया था. इस मामले में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मेटली पुलिस स्टेशन में अपहरण का केस दर्ज किया गया था.
जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी को बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली मयूरी मुंडा एक युवती को अपने साथ ट्रेन से दिल्ली घुमाने के बहाने ले गई थी. मयूरी ने 18 जनवरी को उसे दिल्ली के चौहान ब्रदर्स प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था. इस एजेंसी ने उस युवती को 21 जनवरी को सूरत के व्यापारी सत्यनारायण राठी के पास पहुंचा दिया था.
एजेंसी ने युवती के पहचान पत्र के लिए उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था. उसमें उसकी उम्र 21 साल लिखवाई गई थी. प्लेसमेंट एजेंसी सूरत में 200 लड़कियों का प्लेसमेंट कर चुकी है. ये सभी लड़कियां झारखंड और प. बंगाल की रहने वाली हैं. वहीं युवती ने 25 जनवरी को एक वीडियो एनजीओ के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह को भेजा था और मदद की गुहार लगाई थी. युवती ने उसने कहा था कि उसे एक महिला ने एक कमरे में उसे बंद कर दिया है. बताया गया कि युवती को सूरत में खरीदा ही गया था. घर के काम के लिए युवती की सैलरी 9 हजार रुपए तय की गई थी. इसके लिए 3 हजार रुपए कारोबारी सत्यनारायण राठी ने एडवांस भी दिए थे.
इस बीच, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के मेटली पुलिस स्टेशन में लड़की के अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपहरण के मामले के आधार पर सूरत पुलिस को सूचित किया था. सत्यनारायण राठी के घर पर सूरत पुलिस की एंटी ह्यून ट्रैफिकिंग स्कॉड ने धावा बोला और यूवती को वहां से छुड़ा लिया.
जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी को बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली मयूरी मुंडा एक युवती को अपने साथ ट्रेन से दिल्ली घुमाने के बहाने ले गई थी. मयूरी ने 18 जनवरी को उसे दिल्ली के चौहान ब्रदर्स प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था. इस एजेंसी ने उस युवती को 21 जनवरी को सूरत के व्यापारी सत्यनारायण राठी के पास पहुंचा दिया था.
एजेंसी ने युवती के पहचान पत्र के लिए उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था. उसमें उसकी उम्र 21 साल लिखवाई गई थी. प्लेसमेंट एजेंसी सूरत में 200 लड़कियों का प्लेसमेंट कर चुकी है. ये सभी लड़कियां झारखंड और प. बंगाल की रहने वाली हैं. वहीं युवती ने 25 जनवरी को एक वीडियो एनजीओ के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह को भेजा था और मदद की गुहार लगाई थी. युवती ने उसने कहा था कि उसे एक महिला ने एक कमरे में उसे बंद कर दिया है. बताया गया कि युवती को सूरत में खरीदा ही गया था. घर के काम के लिए युवती की सैलरी 9 हजार रुपए तय की गई थी. इसके लिए 3 हजार रुपए कारोबारी सत्यनारायण राठी ने एडवांस भी दिए थे.
इस बीच, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के मेटली पुलिस स्टेशन में लड़की के अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपहरण के मामले के आधार पर सूरत पुलिस को सूचित किया था. सत्यनारायण राठी के घर पर सूरत पुलिस की एंटी ह्यून ट्रैफिकिंग स्कॉड ने धावा बोला और यूवती को वहां से छुड़ा लिया.