नई दिल्ली. सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शामिल नहीं होने के ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के आह्वान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने मंगलवार को कहा कि मुस्लिम समाज को ऐसी अंधेरी गलियों में ले जाने एवं अलगाववादी भाव वाली अपील को नजरंदाज करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ऐसे नेतृत्व को बदलना चाहिए.
विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने अपने बयान में कहा कि सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को भाग नहीं लेने से संबंधित ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान में जिस भाषा का प्रयोग किया गया है, वह न केवल अलगवाव का भाव पैदा करते हैं बल्कि केंद्र सरकर के प्रति नफरत का निर्माण भी कर सकते हैं . उन्होंने कहा, ‘‘शायद यह उनकी मंशा भी है. वे मुस्लिम समुदाय के हमदर्द नहीं बल्कि अपने अलगााववादी एजेंडे के माध्यम से उन्हें अंधेरी गलियों में ले जाना चाहते हैं. ’’
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सारे शरीर का विकास करता है सूर्य नमस्कार
जैन ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में भी खतरनाक भाषा का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक ऐसा व्यायाम है जो सारे शरीर का विकास करता है.
विहिप के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि ऐसे में मुस्लिम समाज से हम अपील करते हैं कि वे ऐसी मूर्खतापूर्ण बातों पर ध्यान न दें और अपने विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि अपने और नयी पीढ़ी के विकास के लिये अगर नेतृत्व में परिवर्तन की जरूरत है तो ऐसा करना चाहिए. मुस्लिम समाज को मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड को इस बात का अहसास कराना चाहिए कि वह उनका प्रतिनिधि नहीं है और वह केवल अपने अलगाववादी एजेंडे पर आगे चल रहा है.
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क्या कहा था बोर्ड ने?
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि सूर्य की उपासना करना इस्लाम धर्म के मुताबिक सही नहीं है.
बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने कहा कि उपासना करना इस्लाम धर्म के मुताबिक सही नहीं है. सरकार को इससे जुड़ा ‘दिशानिर्देश’ वापस लेकर देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करना चाहिए.
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