BREAKING: चुनाव से पहले ममता बनर्जी को बड़ा झटका, सुवेंदु अधिकारी ने दिया इस्तीफा

अधिकारी ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और पिछले कुछ महीनों में पार्टी से दूरी बना ली है. (File Photo)
TMC Leader Suvendu Adhikari Resigns: सुवेंदु अधिकारी ने कुछ दिन पहले राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) से इस्तीफा दे दिया था और पिछले कुछ महीनों में पार्टी से दूरी बना ली है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 16, 2020, 5:03 PM IST
कोलकाता. 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) से पहले तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) को बड़ा झटका देते हुए सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को टीएमसी विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया. अधिकारी विधानसभा में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए पहुंचे थे लेकिन स्पीकर की गैरमौजूदगी में उन्होंने सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. सुवेंदु अधिकारी ने कुछ समय पहले राज्य कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. सुवेंदु अधिकारी के बंगाल के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने इन खबरों से खंडन कर दिया था.
सुवेंदु के इस्तीफे के बाद बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा कि जिस दिन सुवेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने बताया था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देंगे और हम उनका स्वागत करेंगे तो मुझे खुशी होगी. आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं.
वहीं अधिकारी के इस्तीफे के बाद बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि रोजाना टीएमसी के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. टीएमसी रहने लायक पार्टी नहीं है, वहां लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में वहां के नेता परेशान होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बता दें ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुवेंदु अधिकारी की बीजेपी के साथ बातचीत चल रही है और अमित शाह के पश्चिम बंगाल के अगले दौरे में वह उनके साथ बैठक कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- ग्वालियर में BJP का किसान सम्मेलन, कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कही ये बात
सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी के समर्थन में दिया था बयान
इससे पहले अधिकारी ने मंगलवार को स्थानीय और बाहरी लोगों के संबंध में चल रही बहस को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बाहरी नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि वह पहले भारतीय हैं और फिर बंगाली हैं. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की भी आलोचना करते हुए कहा कि वह लोगों की अपेक्षा पार्टी को अधिक महत्व दे रहा है.

बता दें सुवेंदु के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद पार्टी लगातार उन्हें मनाने की कोशिश में लगी थी. लेकिन सुलह की कोशिशें नाकाम हो गई जिसके बाद टीएमसी ने कह दिया था कि वह अधिकारी को मनाने की कोई कोशिश नहीं करेगी.
सुवेंदु के इस्तीफे के बाद बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा कि जिस दिन सुवेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने बताया था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देंगे और हम उनका स्वागत करेंगे तो मुझे खुशी होगी. आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं.
The day Suvendu Adhikari had resigned from the ministerial post, I had told I will be happy if he leaves TMC & we will welcome him. Today he has resigned from the membership of West Bengal Legislative Assembly & I welcome his decision: BJP Vice President Mukul Roy. pic.twitter.com/YqCLR0d77w
— ANI (@ANI) December 16, 2020
वहीं अधिकारी के इस्तीफे के बाद बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि रोजाना टीएमसी के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. टीएमसी रहने लायक पार्टी नहीं है, वहां लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में वहां के नेता परेशान होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बता दें ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुवेंदु अधिकारी की बीजेपी के साथ बातचीत चल रही है और अमित शाह के पश्चिम बंगाल के अगले दौरे में वह उनके साथ बैठक कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- ग्वालियर में BJP का किसान सम्मेलन, कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कही ये बात
सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी के समर्थन में दिया था बयान
इससे पहले अधिकारी ने मंगलवार को स्थानीय और बाहरी लोगों के संबंध में चल रही बहस को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बाहरी नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि वह पहले भारतीय हैं और फिर बंगाली हैं. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की भी आलोचना करते हुए कहा कि वह लोगों की अपेक्षा पार्टी को अधिक महत्व दे रहा है.
बता दें सुवेंदु के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद पार्टी लगातार उन्हें मनाने की कोशिश में लगी थी. लेकिन सुलह की कोशिशें नाकाम हो गई जिसके बाद टीएमसी ने कह दिया था कि वह अधिकारी को मनाने की कोई कोशिश नहीं करेगी.