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स्वच्छ भारत रैंकिंग में फिर टॉप पर इंदौर, पश्चिम बंगाल का है बुरा हाल

प्रतीकात्मक तस्वीर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ भारत रैंकिंग 2018 का अवॉर्ड दिया. पीएम ...अधिक पढ़ें

    मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत रैंकिंग 2018 का ऐलान कर दिया है. इसमें तमाम मेट्रोपोलिटन शहरों को मात देते हुए इंदौर (मध्य प्रदेश) ने दूसरी बार टॉप पर है. स्वच्छता सर्वे में इंदौर के बाद भोपाल और चंडीगढ़ का नंबर है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने देशभर में स्वच्छता सर्वे कराया था. इसमें देशभर के कुल 25 सबसे गंदे शहरों में से 19 पश्चिम बंगाल के निकले. वहीं, स्वच्छता सर्वे के तहत राज्यों में झारखंड पहले, महाराष्ट्र दूसरे और छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर है.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ भारत रैंकिंग 2018 का अवॉर्ड दिया. पीएम मोदी ने शहर की साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए संबंधित विभाग की कोशिशों की तारीफ भी की.

    स्वच्छता सर्वे के तहत 6 स्केल पैरामीटर पर शहरों की रैंकिंग की गई. इसमें सूखे और गीले कूड़े के अलग निस्तारण की व्यवस्था, प्रोसेसिंग, डिस्पोजल, सैनिटेशन, इनोवेशन की प्रक्रिया शामिल थी.


    पश्चिम बंगाल ने 2016 और 2017 के स्वच्छता सर्वे में हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन, इस बार सर्वे में बंगाल से 19 जिले शामिल रहे. दार्जिलिंग, सिलिगुड़ी, सेरमपुर, मध्यग्राम, नॉर्थ बैरकपुर और बांकुड़ा जैसे शहर सबसे गंदे शहरों में शुमार हैं. इन शहरों में कूड़ा निस्तारण की कोई खास व्यवस्था नहीं मिली.


    ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने इस स्वच्छ भारत रैंकिंग की लिस्ट में 100वां स्थान हासिल किया है. तमिलनाडु के सिर्फ चार शहरों कोयंबटूर, त्रिची, इरोड और चेन्नई ने टॉप 100 लिस्ट में जगह बनाई है.

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    वहीं, अगर बात करें दिल्ली की, तो राजधानी की साउथ दिल्ली और कैंटोनमेंट एरिया ने अपना प्रदर्शन सुधारा है. साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) ने अपना रैंक सुधारते हुए 32वें नंबर पर आ गई है. पिछले साल इसकी रैंकिंग 202 थी. जबकि, नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (NDMC) की रैंकिंग 279 से 206 हुई है. ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (EDMC) की रैंकिंग 341 है.

    साउथ दिल्ली के मेयर नरेंद्र चावला ने कहा कि रैंकिंग में सुधार की कई वजह हैं. हमने 164 कम्युनिटी टॉयलेट, 34 पब्लिक टॉयलेट बनाए. वहीं, होटलों और रेस्टोरेंट में फ्री में टॉयलेट के इस्तेमाल की पहल की. कूड़ा निस्तारण, डिस्पोजल और रिसाइकल की व्यवस्था की. यही वजह है कि हमारी रैंकिंग सुधरी है.

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