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जिसने भारतीय दूतावास को बनाया था निशाना, उसी को तालिबानी सरकार ने बनाया काबुल का गवर्नर

तालिबान ने 15 अगस्त को पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. (AP)

तालिबान ने 15 अगस्त को पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. (AP)

जानकारी के मुताबिकस कमांडर बरयाल ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स से उन हमलों के लिए धन प्राप्त किया जो ...अधिक पढ़ें

    मनोज गुप्ता

    अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में स्थित भारतीय दूतावास पर हुए हमले में तालिबानी लड़ाके अल-कायदा और पाकिस्तान के आईएसआई के कमांडर्स के साथ कनेक्शन में थे. और अब अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने भारतीय दूतावास पर हमला करने वाले कारी बरयाल को काबुल का नया गवर्नर नियुक्त किया है. तालिबान द्वारा काबुल पर हमला करने वाले समूह की ओर से यह दूसरी बड़ी नियुक्ति है. इससे पहले, मुल्ला ताज मीर जवाल, काबुल अटैक नेटवर्क के दो प्रमुख नेताओं में से एक, तालिबान के पहले डिप्टी ऑफ इंटेलिजेंस नियुक्त किए गए थे. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कमांडर बरयाल ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स से उन हमलों के लिए धन प्राप्त किया जो उसने ऑर्केस्ट्रेटेड किए थे. उसके समुदाय ने तालिबान, अल-कायदा, उज्बेकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक जिहाद यूनियन, तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी और हिज़्ब-ए-इस्लामी गुलबुद्दीन के लड़ाकों और स्रोतों को काबुल पर हमला करने और तालिबानी हुकूमत को लाने में अहम भूमिका निभाई है.

    बता दें कि अफगानिस्तान में ताबिलानी हुकूमत के बाद वह अपने हितों के लिए पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क पर भरोसा कर रहा है. सिराजुद्दीन हक्कानी अफगान सियासत की चेसबोर्ड का एक खिलाड़ी है.

    इस मामले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा, हम तालिबान के इस तबादले से परेशान हैं. एक ओर, वे कहते हैं कि हमारे पास विश्वास-निर्माण के उपाय होने चाहिए. दूसरी ओर, इस नियुक्ति ने नई अफगान सरकार के साथ हाथ मिलाने के हमारे संभावित कदम में हमारे विश्वास को हिला दिया है. कारी बरयाल ने काबुल में भारतीय दूतावास पर हमला किया और अब हम काबुल में अपना दूतावास खोलने के बारे में कैसे सोच सकते हैं. तालिबान सरकार को उचित नेताओं की नियुक्ति करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्वास दिलाना चाहिए.

    15 अगस्त को बंद कर दिए गए थे दूतावास
    भारत के अफगानिस्तान के कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद में कुल मिलाकर चार भारतीय वाणिज्य दूतावास हैं. जिन्हें15 अगस्त को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा के बाद बंद कर दिया गया था. अफगानिस्तान में गंभीर स्थिति के बीच भारतीय दूतावास के कर्मिचारियों को मंगलवार को भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान द्वारा काबुल हवाई अड्डे से आईटीबीपी कर्मियों सहित 120 भारतीयों के साथ वापस लाया गया था.

    अफगानिस्तान में गंभीर स्थिति के बीच, भारतीय दूतावास के कर्मियों को मंगलवार को भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान द्वारा काबुल हवाई अड्डे से आईटीबीपी कर्मियों सहित 120 भारतीयों को वापस लाया गया.

    Tags: Afghanistan, Afghanistan Crisis, Afghanistan latest news, Afghanistan taliban news

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