इस राज्य में बढ़ी सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र, 59 नहीं अब होगी 60 साल

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी (फाइल फोटो)
Tamilnadu latest news in Hindi: यह फैसला सरकारी और सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकायों और 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए मान्य होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 6:49 PM IST
चेन्नई. तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) ने शिक्षकों और सार्वजनिक उपक्रम के कर्मियों समेत अपने सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 60 साल करने का फैसला किया है. सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र में एक साल वृद्धि करने वाले मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी (EK Palanisamy) ने विधानसभा में नियम 110 के तहत इसकी घोषणा की.
यह फैसला सरकारी और सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकायों और 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए मान्य होगा. पिछले साल मई में मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 59 साल कर दी थी. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और सरकार ने मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर एक आदेश जारी किया है.
पहले भी किए कई बड़े ऐलानतमिलनाडु सरकार ने ऐलान किया था कि हजार से ज्यादा शहरों और सभी जिलों के नाम बदल दिये हैं ताकि उनकी स्पेलिंग तमिल उच्चारण के करीब हो. यह खबर राज्य के सीएम इ पलानीसामी द्वारा आदेश जारी करने के बाद आई थी. यह आदेश बुधवार यानी 10 जून से प्रभावी भी हो गया है. नए कानून के तहत कोयंबटूर अब कोयंपुत्थथूर, मयलापोर अब मयलापपरो और वेल्लोर अब वेल्लूर है. वहीं वीओसी नगर अब वा.उ.सी नगर कहा जाएगा जबकि पुड्डुचेरी को अब पुत्थुचेरी कहा जाएगा. वहीं धर्मापुरी अब थरुमापुरी कहलाएगा.

ये भी पढ़ेंः- तमिलनाडु में पलानीस्वामी सरकार का चुनाव से पहले बड़ा ऐलान, सबको मुफ्त कोरोना वैक्सीन
विपक्ष और सोशल मीडिया पर आम जनता ने की थी आलोचना
सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर विपक्ष और लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं. शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा, 'यह पूरी तरह से बकवास है. क्या यह प्रॉयरिटी है. हर बोर्ड को पेंट करने की कॉस्ट, साइनेज बनवाने की क्या कीमत आएगी?' एक यूजर ने लिखा था कि 'नाम बदलने के बजाय अगर आप जाति व्यवस्था को हटाते हैं तो यह बहुत बेहतर होगा.'
तमिलनाडु सरकार के फैसले पर मनोज नटराजन ने लिखा - तो अब तक स्टेट का नाम थामिझ नाडू की जगह तमिलनाडु क्यों है? सरकार के इस फैसले पर मदन गौरी ने लिखा था , 'मुझे खुशी है कि हमारे मूल शहर के तमिल नामों के आधार पर नाम बदले गए हैं. मुझे और खुशी होगी अगर हमारी मूल संस्कृति के आधार पर जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए.'
यह फैसला सरकारी और सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकायों और 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए मान्य होगा. पिछले साल मई में मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 59 साल कर दी थी. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और सरकार ने मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर एक आदेश जारी किया है.

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विपक्ष और सोशल मीडिया पर आम जनता ने की थी आलोचना
सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर विपक्ष और लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं. शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा, 'यह पूरी तरह से बकवास है. क्या यह प्रॉयरिटी है. हर बोर्ड को पेंट करने की कॉस्ट, साइनेज बनवाने की क्या कीमत आएगी?' एक यूजर ने लिखा था कि 'नाम बदलने के बजाय अगर आप जाति व्यवस्था को हटाते हैं तो यह बहुत बेहतर होगा.'
तमिलनाडु सरकार के फैसले पर मनोज नटराजन ने लिखा - तो अब तक स्टेट का नाम थामिझ नाडू की जगह तमिलनाडु क्यों है? सरकार के इस फैसले पर मदन गौरी ने लिखा था , 'मुझे खुशी है कि हमारे मूल शहर के तमिल नामों के आधार पर नाम बदले गए हैं. मुझे और खुशी होगी अगर हमारी मूल संस्कृति के आधार पर जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए.'