सैन्य बलों के भीतर इस प्रस्ताव को लेकर कई गंभीर चिंताएं भी हैं, जिनमें कहा गया है कि अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सैन्य बलों के शीर्ष पदों का राजनीतिकरण हो सकता है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले (Pulwama attack) में शामिल आतंकवादी इस्माइल अल्वी उर्फ सैफुल्ला को स्थानीय लोगों के इनपुट के बाद सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. अल्वी को लंबू और अदनान जैसे नामों से भी जाता था. खबरों के अनुसार, लंबी की हरकतों से स्थानीय लोग डरे रहते थे और उसके मूवमेंट की जानकारी सेना को दे दी गई.
जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार से रिश्ता रखने वाला लंबू को सुरक्षाबलों ने घेरकर ढेर कर दिया. विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल रशीम बाली ने बताया, ‘हमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय लोगों से लंबू के मूवमेंट के बारे में जानकारी मिल रही थी. त्राल इलाके में वह लोगों के साथ बुरा बर्ताव करता था’. गौरतलब है कि आज पुलवामा में ही समीर डार नामक एक और आतंकी मारा गया था. वह लेथपोरा आतंकी हमले में शामिल था और उसका नाम NIA के चार्जशीट में भी था.
तालिबान में ली थी ट्रेनिंग
सैफुल्ला ने तालिबान से आतंक की ट्रैनिंग ली. रिपोर्ट्स के अनुसार, वह IED तैयार करने में माहिर था. उसने भारत में 2017 में घुसपैठ की थी. इसके बाद से ही वह घाटी में लगातार सक्रिय था. अदनान को पाकिस्तान के आतंकी संगठन JeM के शीर्ष रउफ अजहर, मौलाना मसूद अजहर और अमार के बड़े सहयोगियों में गिना जाता था.
कश्मीर में जैश की कमान आतंकवादी कारी मुफ्ती यासिर के हाथ में थी. लेकिन उसके मारे जाने के बाद यह जिम्मेदारी लंबू को मिल गई थी. सुरक्षाबल बीते चार सालों से उसकी तलाश कर रहे थे. सैफुल्लाह के खिलाफ 2018 से 2020 के बीच क्षेत्र के कई पुलिस स्टेशन में UAPA और भारतीय दंड संहिता की के तहत कई मामले दर्ज थे.
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