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ऐतिहासिक गांव, जहां बचपन में अपने दादा के साथ आते थे भगत सिंह, भगवंत मान वहां लेंगे शपथ

बंटवारे के बाद भगत सिंह की मां इस गांव में बस गई थीं (फोटो आभार)

बंटवारे के बाद भगत सिंह की मां इस गांव में बस गई थीं (फोटो आभार)

शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Bhagat Singh) का गांव खटकड़ कलां गांव (Khatkar Kalan Vilalge) से गहरा नाता था. वैसे कुछ लोग मानते ...अधिक पढ़ें

    हाल ही में संपन्न हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने भारी जीत दर्ज की है. इस चुनाव में आप पार्टी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Bhagat Singh) के नाम का भरपूर इस्तेमाल किया. अब पार्टी के सीएम फेस रहे भगवंत मान (Bhagwant Mann) 16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन वो चंडीगढ़ स्थित राज्यपाल भवन में नहीं बल्कि भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां (Khatkar Kalan) में शपथ लेंगे. इस वजह से यह गांव फिर से चर्चा में आ गया है.

    गांव का है ऐतिहासिक महत्व

    खटकड़ कलां गांव, जलांधर-चंडीगढ़ हाईवे से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. बताया जाता है कि इस गांव में वैसे भगत सिंह खुद नहीं रहें. लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि यहां उनके रिश्तेदार रहते थे, और भगत सिंह बचपन में अपने दादा के साथ यहां आया करते थे. वैसे बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से आकर खटकड़ कलां गांव में बस गया था. भगत सिंह की मां विद्यावती और उनके रिश्तेदार लंबे वक्त तक इस गांव में रहे. यह गांव पहले जालंधर जिले का हिस्सा था. बाद में यह नवांशहर जिले के अंतर्गत आ गया. अब इस जिले का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रख दिया गया है. वैसे भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के वर्तमान गांव बंगा में हुआ था.

    5.30 वर्ग किलोमीटर में फैला है गांव

    खटकड़ कलां गांव का नाम फारसी भाषा के खुर्द और कलां शब्द से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है छोटा और बड़ा. 5.30 वर्ग किलोमीटर में फैले खटकड़ कलां की आबादी करीब 1,950 है. इस गांव के आसपास थांदियन, दोसांझ खुर्द, मुंगवाल, कर्णना, नौरा, कहमा और भूतन गांव हैं.

    स्मारक और म्यूजियम का निर्माण

    खटकड़ कलां में शहीद भगत सिंह का पुश्तैनी मकान आज भी मौजूद है. इसकी देखभाल पुरातत्व विभाग करता है. इसी के साथ पंजाब सरकार ने यहां एक विशाल स्मारक और म्यूजियम का निर्माण भी किया है. यह स्मारक 11 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. साल 2009 में 168 मिलियन की लागत से बनाया गया था. उनकी पुण्यतिथि पर इस संग्राहलय को आम लोगों के लिए खोला गया था. संग्राहलय में भगत सिंह की आधी जली हुई राख, खून से लथपथ रेत और खून से सना हुआ अखबार, जिसमें राख को लपेटा गया था आदि ऐतिहासिक वस्तुएं रखी हुई हैं. यहां भगत सिंह के हस्ताक्षर के साथ भगवत गीता की एक प्रति भी रखी हुई है.

    Tags: AAP, Bhagat Singh, Indian Village Stories, Punjab Election 2022

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