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'जब तक जजों की नियुक्ति का तरीका नहीं बदलेगा, तब तक...', कोर्ट में लंबित मामलों पर बोले कानून मंत्री

जजों की नियुक्ति के संबंध में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने संसद में सवालों के जवाब दिए. (File Photo)

जजों की नियुक्ति के संबंध में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने संसद में सवालों के जवाब दिए. (File Photo)

संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में कानून मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि जजों की नियुक्त ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

संसद के शीतकालीन सत्र में उठा जजों की नियुक्ति का मामला
सवालों पर केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने दिए जवाब
कहा- नियुक्ति का तरीका बदलना होगा, वरना सवाल उठते रहेंगे

नई दिल्‍ली. केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने गुरुवार को संसद को बताया कि जब तक जजों की नियुक्ति का तरीका नहीं बदलेगा, तब तक यह मसला उठता रहेगा. उन्‍होंने कोर्ट में लंबित मामलों से जुड़े सवाल पर राज्‍यसभा में यह बयान दिया. संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में कानून मंत्री ने कहा कि जजों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार के पास सीमित अधिकार हैं. सरकार केवल कॉलेजियम की सिफ़ारिश वाले नामों की ही अनुशंसा कर सकती है, लेकिन जब तक हम नियुक्तियों के लिए एक नई प्रणाली नहीं बनाते तब तक जजों की रिक्तियों और नियुक्तियों पर सवाल उठते रहेंगे.

शीतकालीन सत्र  के दौरान सवालों का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर तक 34 न्‍यायाधीशों की स्‍वीकृत शक्ति के मुकाबले 27 और हाई कोर्ट में 1,108 स्‍वीकृत शक्ति के मुकाबले 777 न्‍यायाधीश काम कर रहे हैं जबकि एक पद खाली है. प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या 5 करोड़ को छूने वाली है. यह एक ऐसी संख्या जिसका जनता पर प्रभाव स्पष्ट है.

लंबित मामलों को कम करने के लिए सरकार ने किए कई उपाय
केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि हम लंबित मामलों को कम करने के लिए अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं. वर्तमान में, सरकार के पास अदालतों में रिक्तियों को भरने के लिए सीमित शक्तियां हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं. केंद्र कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों के अलावा अन्य नामों की तलाश नहीं कर सकता है. जजों के रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द नाम भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों को मौखिक और लिखित दोनों तरह से अनुरोध किया गया है.

Tags: Kiren rijiju, Parliament Winter Session

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