मंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक शैक्षणिक संस्थान (Karnataka Education Insitute) ने घोषणा की है कि वह उन कश्मीरी पंडितों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा (Free Education for kashmiri pandits) देगा जो अपने मूल निवास से विस्थापित होकर देश में कहीं और बस गए हैं.
दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर तालुक में स्थित अंबिका महाविद्यालय ने यह प्रस्ताव रखा है. संस्थान के संयोजक सुब्रमण्य नट्टोज ने शनिवार को पुत्तूर में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की और कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने के बाद वह कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा से दुखी हैं.
नट्टोज ने जम्मू का दौरा किया और स्थिति का अध्ययन करने के बाद सभी विस्थापित कश्मीरी पंडितों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया. उन्होंने कश्मीरी पंडित छात्रों को छठी कक्षा से स्नातक तक की मुफ्त शिक्षा देने की योजना बनाई है और छात्रों लिए मुफ्त छात्रावास सुविधा की भी घोषणा की है. नट्टोज ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के चार बच्चे संस्थान में प्रवेश ले चुके हैं.
इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट में भी कश्मीरी पंडितों का जिक्र किया गया था. सरकार ने बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण 64,827 कश्मीरी पंडित परिवारों को 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर घाटी छोड़ने और जम्मू, दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में बसने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
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