Republic Day Violence: पंजाब के तरनतारन का है लाल किले पर केसरिया झंडा लगाने वाला शख्स, परिवार के सदस्य हुए गायब

नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर रैली में दिल्ली में जमकर हिंसा और उपद्रव किया.
Republic Day Violence: परिवार और गांव के लोगों ने भी टीवी और सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो से उसकी पहचान कर ली है. इस खबर को देखने के बाद से जुगराज सिंह के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर अपनी तीनों बेटियों को लेकर कहीं चले गए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 4:51 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान भड़की हिंसा के दौरान लाल किले (Red Fort) पर झंडा लगाने वाले युवक के बारे में पुलिस को पुख्ता जानकारी हाथ लगी है. इस शख्स का नाम जुगराज सिंह है और वह पंजाब (Punjab) के तरनतारन गांव (Tarantaran) तारा सिंह का रहने वाला है. परिवार और गांव के लोगों ने भी टीवी और सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो से उसकी पहचान कर ली है. इस खबर को देखने के बाद से जुगराज सिंह के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर अपनी तीनों बेटियों को लेकर कहीं चले गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जुगराज सिंह के दादा महिल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने भी लाल किले पर केसरिया झंडा लगाने वाले जुगराज सिंह को पहचान लिया है. जुगराज सिंह का परिवार बॉर्डर से सटी जमीन पर खेती करता है. जुगराज सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर आज तक कोई आपराधिक मुकदमा तक नहीं चला है.

जुगराज सिंह की दादी गुरचरण कौर ने बताया कि उनका पोता गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला साहिब चढ़ाने की सेवा करता था. गांव में छह गुरुद्वारा साहिब हैं. गुरुद्वारों में निशान साहिब पर जब भी चोला साहिब चढ़ाना होता था तो जुगराज सिंह को ही ये काम सौंपा जाता था. दादी गुरचरण कौर ने कहा कि किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान लोगों के बहकावे पर उनके पोते ने जोश में आकर दिल्ली के लाल किले पर झंडा चढ़ा दिया होगा.
इसे भी पढ़ें :- ट्रैक्टर रैली में हिंसा और लाल किले पर बवाल का आरोपी हो गया दीप सिद्धू गायब?
गांव के लोग भी जुगराज सिंह की इस शर्मनाक हरकत पर हैरान हैं. गांव के प्रेम सिंह ने कहा, 'जुगराज सिंह मैट्रिक पास है. 24 जनवरी को गांव से दो ट्रैक्टर ट्रालियां किसान आंदोलन के लिए निकलीं थीं. जुगराज सिंह भी इसी ट्रैक्टर में बैठकर दिल्ली गया था. हमें ये जानकार हैरानी हो रही है कि जुगराज सिंह ने ऐसा काम किया है.' गांव के लोगों का कहना है कि हमें बार बार बताया जा रहा था कि ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से होगी लेकिन कब इसका माहौल बदल गया किसी को पता ही नहीं चला.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जुगराज सिंह के दादा महिल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने भी लाल किले पर केसरिया झंडा लगाने वाले जुगराज सिंह को पहचान लिया है. जुगराज सिंह का परिवार बॉर्डर से सटी जमीन पर खेती करता है. जुगराज सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर आज तक कोई आपराधिक मुकदमा तक नहीं चला है.
जुगराज सिंह की दादी गुरचरण कौर ने बताया कि उनका पोता गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला साहिब चढ़ाने की सेवा करता था. गांव में छह गुरुद्वारा साहिब हैं. गुरुद्वारों में निशान साहिब पर जब भी चोला साहिब चढ़ाना होता था तो जुगराज सिंह को ही ये काम सौंपा जाता था. दादी गुरचरण कौर ने कहा कि किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान लोगों के बहकावे पर उनके पोते ने जोश में आकर दिल्ली के लाल किले पर झंडा चढ़ा दिया होगा.
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गांव के लोग भी जुगराज सिंह की इस शर्मनाक हरकत पर हैरान हैं. गांव के प्रेम सिंह ने कहा, 'जुगराज सिंह मैट्रिक पास है. 24 जनवरी को गांव से दो ट्रैक्टर ट्रालियां किसान आंदोलन के लिए निकलीं थीं. जुगराज सिंह भी इसी ट्रैक्टर में बैठकर दिल्ली गया था. हमें ये जानकार हैरानी हो रही है कि जुगराज सिंह ने ऐसा काम किया है.' गांव के लोगों का कहना है कि हमें बार बार बताया जा रहा था कि ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से होगी लेकिन कब इसका माहौल बदल गया किसी को पता ही नहीं चला.