सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिलचस्प हुई कर्नाटक की राजनीति, बीजेपी को 15 में 6 सीटें जीतना जरूरी
Updated: November 13, 2019, 2:07 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की बढ़ी मुश्किलें.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले से कर्नाटक (Karnataka) की राजनीति में एक बार फिर दिलचस्प मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायक 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में अपनी ताकत दिखा सकेंगे.
- Last Updated: November 13, 2019, 2:07 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कर्नाटक (Karnataka) के अयोग्य विधायकों को उपचुनाव (By-Elections) लड़ने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर दिलचस्प मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायक 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में अपनी ताकत दिखा सकेंगे. बता दें कि 17 में से 15 ही सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं, क्योंकि दो सीटों, मस्की और राजराजेश्वरी से संबंधित याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट में अभी भी लटकी हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने कर्नाटक में बीजेपी (BJP) सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. मुझे यकीन है कि हम सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. येदियुरप्पा से जब सवाल किया गया कि क्या ये सभी 17 बागी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, बस शाम तक का इंतजार कीजिए. मैं उनके साथ और राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर बात करूंगा. हम शाम को उचित निर्णय लेंगे.'
गौरतलब है कि कर्नाटक में कुछ महीने पहले अपने ही विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई थी. विधानसभा में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के कारण एचडी कुमारस्वामी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने सभी 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिल गया था.येदियुरप्पा ने कहा, 'सारा देश इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार ने सिद्धरमैया के साथ मिलकर साजिश रची, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में स्पष्ट फैसला दिया. उन्होंने कहा कि कल से ही हमारे सभी मंत्री और नेता जिम्मेदारी लेंगे. हम सभी सीटें जीतने का प्रयास करेंगे.
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अभी कर्नाटक विधानसभा में क्या है गणित
कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा की संख्या इन विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 207 रह गई थी. इस तरह बहुमत के लिए 104 की जरूरत थी और बीजेपी के पास 106 विधायकों का समर्थन था. इन विधायकों में 105 विधायक बीजेपी के थे जबकि 1 अन्य भी शामिल है.
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15 सीटों पर उपचुनाव के बाद बदलेगा समीकरण
15 सीटों पर उपचुनाव होने से कर्नाटक की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. अभी 207 विधायकों वाली कर्नाटक विधानसभा 15 और सीटों के साथ 222 पर पहुंच जाएगी. इस लिहाज से बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी. इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि जिस 15 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से 6 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल करने ही होगी. खास बात ये हैं कि जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे वहां की 3 सीटें जेडीएस और 12 सीटें कांग्रेस के पास थीं. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी ज्यादातर सीटों पर बागी विधायकों को खड़ा कर सकती है. (भाषा इनपुट के साथ)
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. मुझे यकीन है कि हम सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. येदियुरप्पा से जब सवाल किया गया कि क्या ये सभी 17 बागी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, बस शाम तक का इंतजार कीजिए. मैं उनके साथ और राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर बात करूंगा. हम शाम को उचित निर्णय लेंगे.'
#Karnataka CM BS Yediyurappa when asked 'are all the 17 MLAs joining BJP?': Just wait till evening. I will discuss with them, I will discuss with the national leadership also. We will take an appropriate decision in the evening. https://t.co/NHjIDyXFpc
— ANI (@ANI) November 13, 2019
गौरतलब है कि कर्नाटक में कुछ महीने पहले अपने ही विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई थी. विधानसभा में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के कारण एचडी कुमारस्वामी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने सभी 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिल गया था.
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कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा की संख्या इन विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 207 रह गई थी. इस तरह बहुमत के लिए 104 की जरूरत थी और बीजेपी के पास 106 विधायकों का समर्थन था. इन विधायकों में 105 विधायक बीजेपी के थे जबकि 1 अन्य भी शामिल है.
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15 सीटों पर उपचुनाव के बाद बदलेगा समीकरण
15 सीटों पर उपचुनाव होने से कर्नाटक की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. अभी 207 विधायकों वाली कर्नाटक विधानसभा 15 और सीटों के साथ 222 पर पहुंच जाएगी. इस लिहाज से बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी. इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि जिस 15 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से 6 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल करने ही होगी. खास बात ये हैं कि जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे वहां की 3 सीटें जेडीएस और 12 सीटें कांग्रेस के पास थीं. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी ज्यादातर सीटों पर बागी विधायकों को खड़ा कर सकती है. (भाषा इनपुट के साथ)
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First published: November 13, 2019, 1:48 PM IST
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