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कोविड वैक्सीनेशन के मामले में भारत कैसे बना दुनिया में नंबर 1, ‘The Vial’ में देखें पूरा सफर

‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में कोरोना वैक्सीनेशन के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफर के बारे में विस्तार से बात की गई है.

‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में कोरोना वैक्सीनेशन के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफर के बारे में विस्तार से बात की गई है.

The Vial: 'द वायल' में कुछ ऐसे मामलों को भी करीब से लोगों के सामने रखा गया है जिससे भारत को कोविड मुक्त करने के सरकार क ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) बनाने से लेकर लोगों तक इसे पहुंचाने तक भारत का कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पूरी दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम साबित हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में देश इस अभूतपूर्व यात्रा पर कैसे निकला, इसमें क्या बाधाएं आईं और कैसे इसमें सफलता मिली इस पूरी दास्तां को आज हम आपके सामने लेकर आए हैं. हिस्ट्री टीवी18 पर प्रसारित हुई ‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में कोरोना वैक्सीनेशन के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफर के बारे में विस्तार से बात की गई है. ‘द वायल’ का प्रीमियर हिस्ट्री टीवी18 पर 24 मार्च, 2023 को रात 8 बजे रिलीज हुई.

करीब एक घंटे की इस डॉक्यूमेंट्री के सूत्रधार बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता मनोज वाजपेयी हैं. इस डॉक्यूमेंट्री में उन सभी लोगों से बातचीत की गई है जिनके प्रयासों के चलते ये कार्यक्रम सफल हो सका. इसके साथ ही इसमें इस पहलू पर भी बात की गई है कि कोविड-19 के खिलाफ पूरा देश कैसे साथ आया, और कैसे इससे लड़कर जीत हासिल की. साथ ही उस स्ट्रैटेजी की भी बात की गई है जिसकी तारीफ पूरी दुनिया में हुई. इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे भारत ने अपनी सामान्य समय में इस्तेमाल की जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाकर इस स्तर पर पहुंचा दिया जिससे कि संकट की स्थिति का सामना कर सका. इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये भी बताया कि इस प्रयास में कभी भी बजट या पैसा आड़े नहीं आया. " isDesktop="true" id="5643105" >

शुरुआत में था डर लेकिन फिर पाई जीत
डॉक्यूमेंट्री में नारायणा हेल्थ के संस्थापक और चेयरमैन देवी प्रसाद शेट्टी ने कोरोना काल के समय पैदा हुई स्थिति के बारे में बताया, उन्होंने कहा, “जब कोविड-19 पूरी दुनिया में फैलने लगा और इसने भारत पर भी हमला किया तब चिकित्सा समुदाय को यह जरा भी नहीं पता था कि आखिर ये है क्या, हर तरफ डर का माहौल था. हमें बिल्कुल नहीं पता था कि क्या हम बचेंगे, हम मरीजों का कैसे इलाज करेंगे. कौन सी दवाएं काम करेंगी कौन सी नहीं करेंगी. जब महामारी की शुरुआत हुई, हमारे पास बेड खत्म होने लगे, दवाएं खत्म होने लगीं, तबाही आने लगी थी, ऐसा पूरी दुनिया में हो रहा था.”

वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. प्रिया अब्राहम ने बताया कि कैसे भारत एनआईवी वायरस को अलग करने वाला दुनिया का पांचवां देश बना. उन्होंने बताया कि इसमें सफलता हासिल करने के लिए उनका स्टाफ अधिकतर कंपनी के ही गेस्ट हाउस में रुकता था. उन्होंने घर जाना बंद कर दिया था.

वैक्सीन बनाने के लिए भारत कितना प्रतिबद्ध था ये इसी बात से स्पष्ट होता है कि भारत सरकार ने इसके लिए 900 करोड़ रुपये जारी किए थे. इसके साथ ही रिसर्चर्स को ये भी कहा गया कि सभी को नतीजे मिलने में सफलता मिले ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन आत्मविश्वास से प्रयास जारी रखना है.

पीएम मोदी ने किया काम कर रहे लोगों को प्रेरित 
आईसीएमआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि भारत ने अपनी वैक्सीन बनाने का फैसला किया क्योंकि हम जानते थे कि हमारे पास एक मजबूत नेतृत्व है जो कि आत्मनिर्भरता में विश्वास रखता है.

वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के कृष्णा एल्ला ने भी बताया कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी का इस कार्यक्रम में गहरी रुचि लेना उनके और उनकी टीम के लिए प्रेरणादायी साबित हुआ. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का हमारे प्लांट पर आना हमारे लिए एक प्रेरणा थी. देश के प्रमुख के तौर पर उनका आना हमारे लिए सम्मान की बात थी.”

भारत ने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी पहुंचाई वैक्सीन
‘द वायल’ में कुछ ऐसे मामलों को भी करीब से लोगों के सामने रखा गया है जिससे भारत को कोविड मुक्त करने के सरकार के प्रयासों की दृढ़ता जाहिर होती है. इसमें दिखाया गया है कि किस तरह दूर-दराज और दुर्गम इलाकों में भारत सरकार के कर्मचारियों ने पहुंचकर लोगों को टीके पहुंचाए.

बता दें भारत ने न सिर्फ अपनी बड़ी जनसंख्या को टीके दिए बल्कि वैक्सीन मैत्री पहल के जरिये दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करते हुए करीब 100 देशों को 232.43 मिलियन खुराक मुहैया कराई गईं.

इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के साथ-साथ डॉ. सुमित अग्रवाल (वैज्ञानिक, आईसीएमआर), डॉ. प्रिया अब्राहम (डायरेक्टर, एनआईवी पुणे), डॉ. शमिका रवि (पब्लिक पॉलिसी एक्‍सपर्ट), डॉ. देवी शेट्टी (संस्थापक, नारायण ह्दयालय) और डॉ. कृष्णा एल्ला (चेयरमैन, भारत बायोटेक) ने इस कार्यक्रम से जुड़े अपने अनुभव साझा किए हैं.

Tags: Coroanvirus Vaccination, Coronavirus in India, Covid-19 vaccine, Pm narendra modi

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