लोकसभा चुनाव: बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट में नहीं बनी बात, गठबंधन टूटा

राहुल गांधी और सोमेंद्र नाथ मित्रा.
बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेंद्र नाथ मित्रा ने वाम दलों से समझौते के प्रस्ताव को खत्म करने का ऐलान किया है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 17, 2019, 11:54 PM IST
लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों में गठबंधन को झटका लगा है. बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेंद्र नाथ मित्रा ने वाम दलों से समझौते के प्रस्ताव को खत्म करने का ऐलान किया है. उनका आरोप है कि वाम दल बेवकूफ बना रहे हैं और शर्तें थोप रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. लेफ्ट ने बिना सलाह मशविरे के बंगाल की 25 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. इसके चलते उन्होंने अकेले ही बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस का सामना करने का फैसला किया है.
मित्रा ने न्यूज18 से कहा, 'शुरुआत से केवल हम ही समझौता कर रहे हैं. मुर्शिदाबाद और रायगंज सीट के लिए सीपीएम के आगे हम झुके. इन दोनों सीटों से हमारे नेता लड़ना चाहते थे लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश के बाद हम मान गए. अब वामपंथी दल कह रहे हैं कि वे हमें केवल 12 सीटें ही देंगे और वे 31 पर लड़ेंगे.'
उन्होंने बताया, 'हमने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है और उनसे कहा है कि हर बार हम लोग नहीं झुकेंगे. सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि वे न केवल हमारी सीटों की संख्या तय करेंगे बल्कि दार्जिलिंग औरी बीरभूम से उम्मीदवारों का फैसला भी वे ही करेंगे. आपको नहीं लगता यह पागलपन है. मैंने राहुलजी को सब कुछ बता दिया है और अब उन्हें ही फैसला लेना है. गठबंधन के नाम पर वे(सीपीएम) हमें मूर्ख बना रहे हैं. वे अपनी सीटें बनाए रखना चाहते हैं. मुझे इस गठबंधन का भविष्य नजर नहीं आता.'
बता दें कि लेफ्ट की ओर से उम्मीदवारों का ऐलान होने के बाद दोनों दलों में समस्या शुरू हुई. कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे के मसले के सुलझने तक उम्मीदवारों का ऐलान न करने को कहा था. कांग्रेस पुरुलिया, बांकुड़ा, बशीरहाट, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, हुगली, बर्दवान, हावड़ा, मिदनापुर(पूर्व और पश्चिम) और कृष्णानगर सहित 17 सीटों पर लड़ना चाहती है. पुरुलिया, बशीरहाट और जलपाईगुड़ी जैसी सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच टकराव है.इससे पहले मुर्शिदाबाद और रायगंज सीट को लेकर भी दोनों के बीच तनातनी थी लेकिन बाद में मामला सुलझा लिया गया था.
मित्रा ने न्यूज18 से कहा, 'शुरुआत से केवल हम ही समझौता कर रहे हैं. मुर्शिदाबाद और रायगंज सीट के लिए सीपीएम के आगे हम झुके. इन दोनों सीटों से हमारे नेता लड़ना चाहते थे लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश के बाद हम मान गए. अब वामपंथी दल कह रहे हैं कि वे हमें केवल 12 सीटें ही देंगे और वे 31 पर लड़ेंगे.'
उन्होंने बताया, 'हमने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है और उनसे कहा है कि हर बार हम लोग नहीं झुकेंगे. सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि वे न केवल हमारी सीटों की संख्या तय करेंगे बल्कि दार्जिलिंग औरी बीरभूम से उम्मीदवारों का फैसला भी वे ही करेंगे. आपको नहीं लगता यह पागलपन है. मैंने राहुलजी को सब कुछ बता दिया है और अब उन्हें ही फैसला लेना है. गठबंधन के नाम पर वे(सीपीएम) हमें मूर्ख बना रहे हैं. वे अपनी सीटें बनाए रखना चाहते हैं. मुझे इस गठबंधन का भविष्य नजर नहीं आता.'