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ग्रामीणों को कैसे पता चलेगा क्या है 'भारतनेट' प्रोजेक्ट? प्रचार के लिए सरकार का मेगाप्लान तैयार

सरकार ने संसद को इस मार्च में बताया था कि केवल 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में सेवा तैयार है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)

सरकार ने संसद को इस मार्च में बताया था कि केवल 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में सेवा तैयार है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)

BharatNet Project: भारतनेट प्रोजेक्ट का शुरुआती दायरा अगस्त 2021 तक देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के स ...अधिक पढ़ें

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नई दिल्ली. ‘भारत नेट’ प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने सभी 6.3 लाख गांवों को इंटरनेट (Internet) से जोड़ने की योजना बनाई है. अब सवाल है कि एक ग्रामीण को कैसे पता चलेगा कि घर तक पहुंचने वाले ब्रॉडबैंड कनेक्शन (Broadband Connection) से उसका क्या फायदा होगा. सरकार ने इस परेशानी को दूर करने के लिए एक महा अभियान शुरू करने का फैसला किया है. इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों को भारत नेट प्रोजेक्ट को लेकर जागरूक किया जाएगा.

पीएम मोदी के दिल के करीब कहे जाने वाले इस मेगा प्रोजेक्ट को दूरसंचार एवं सूचना प्रद्यौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में नई रफ्तार मिली है. सरकार इस प्रोजेक्ट की जानकारी पहुंचाने और ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए ब्रांडिंग एजेंसियों की मदद लेने जा रही है. इसके तहत बताया जाएगा कि ग्रामीण अपने गांव में इंटरनेट का बेहतर इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं. ब्रॉडबैंड के दस्तक से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार और कमाई के रास्ते तैयार होने की उम्मीद है.

न्यूज18 को मिले दस्तावेज के अनुसार, ‘अभियानों का मकसद भारतनेट के बारे में जागरूकता पैदा करना है और जनता तक इसके लाभ और फायदे का प्रचार करना है. साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, नागरिक केंद्रित सेवाएं, ई-लर्निंग, टेलीमेडिसिन, ई-मार्केट, बिजनेस टू बिजनेस सेवाओं आदि को लेकर कम खर्चों में इच्छित लाभ प्रदर्शित करना है.’ ग्रामीणो की ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लिए कई सरकारी सेवाओं को भारतनेट के जरिए होस्ट किया जाएगा.

दस्तावेजों के मुताबिक, सरकार ने सस्ती कीमतों में ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड के प्रसार के लिए हाई स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी मुहैया कराने और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की तर्ज पर सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की कल्पना की है. आगे लिखा गया है, ‘यह भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदल देगा.’ डॉक्यूमेंट में बताया गया है कि अभियान आकर्षक है और प्रोजेक्ट के प्रभाव को असरदार तरीके से बताता है. देशभर के गांवों में ब्रॉशर लीफलेट्स जैसी प्रचार सामग्री वितरित की जाएगी, सोशल मीडिया अभियान चलाए जाएंगे और क्षेत्रीय भाषाओं में होर्डिंग्स और पोस्टर के साथ मीडिया अभियान चलाए जाएंगे.

भारत नेट प्रोजेक्ट का शुरुआती दायरा अगस्त 2021 तक देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के साथ कवर करने की थी. हालांकि, कोविड-19 जैसे कई मुद्दों के कारण यह डेडलाइन छूट गई है. सरकार ने संसद को इस मार्च में बताया था कि केवल 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में सेवा तैयार है. 2020 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि अगले 1000 दिनों में 2023 तक सभी 6.3 लाख गांवों को कवर करने के लिए प्रोजेक्ट के दायरे में विस्तार किया जाएगा.

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इस जुलाई, सरकार ने भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत अन्य 3.61 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए 16 राज्यों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 29 हजार 500 करोड़ रुपये के ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए हैं. 9 जुलाई को नया मंत्री पद संभालने के बाद ही अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट की विस्तृत समीक्षा की थी. इससे पहले के चरणों में भारतनेट प्रोजेक्ट को तीन सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (CPSUs) के जरिए लागू किया जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने निजी क्षेत्र की क्षमताओं का लाभ लेने के लिए पीपीपी मॉडल का सहारा लिया है.

सरकार यह भी कह रही है कि इस दूरसंचार की इस अहम संरचना में पीपीपी एक नई पहल है. सरकार ने कहा था कि भारतनेट के लिए पीपीपी मॉडल दक्षता, गुणवत्ता, उपभोक्ता का अनुभव को बढ़ाएगा और निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता, उद्यमिता और डिजिटल इंडिया की उपलब्धि के लिए क्षमताओं का लाभ उठाएगा. यह जनता के पैसों की पर्याप्त बचत के अतिरिक्त होगा.

Tags: BharatNet, Broadband Connection, Pm narendra modi

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