देश विदेश से भारत आने वाले टूरिस्टों के लिए आयुष मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय थाइलैंड की तरह होटलों आयुर्वेद आदि की सुविधाएं देने की तैयारी कर रहे हैं.
नई दिल्ली. भारत में हजारों की संख्या में देश-विदेशों से पर्यटक आते हैं और यहां के ऐतिहासिक विरासत, प्राचीन स्थलों के अलावा तमाम पर्यटन स्थानों पर घूमते हैं. ऐसे पर्यटकों को भारत का आयुष मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय मिलकर कई बड़ी सुविधाएं देने जा रहे हैं. मेडिकल वैल्यू टूरिज्म को बढ़ाते हुए अब टूरिस्टों को उनके ठहरने के स्थान पर ही आयुर्वेद और योग सहित आयुष की अन्य चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने का मौका मिलेगा.
आयुष मंत्रालय और भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी), पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में समझौता किया है. जिसके तहत आयुष मंत्रालय आईटीडीसी के अधिकारियों को आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के बारे में संवेदनशील बनाएगा और ट्रेंड करेगा. इतना ही नहीं यह पर्यटक सर्किट की पहचान करेगा, जहां आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने की अपार गुंजाइश है और आईटीडीसी को समय-समय पर सभी तकनीकी जानकारी प्रदान करेगा.
होटलों में खुलेंगे योग और आयुर्वेद केंद्र
वहीं आयुष मंत्रालय के सुझाव पर आईटीडीसी नॉलेज टूरिज्म के तहत टूरिस्ट प्लेसेज में भारतीय चिकित्सा पद्धति जैसे आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्धा आदि पद्धतियों के ऐतिहासिक विरासत स्थलों को शामिल करेगा और पर्यटकों के लिए उपयोगी फिल्म या साहित्य भी विकसित करने का काम करेगा. दिलचस्प है कि आईटीडीसी द्वारा संचालित होटलों में आयुर्वेद और योग केंद्र की स्थापना पर भी काम होगा और कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी. ऐसे में होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों को वहीं पर आयुर्वेद आदि की सुविधा मिल सकेगी.
सिंगापुर, थाइलैंड की तरह मिलेगी सुविधा
इस दौरान पर्यटकों की इस सुविधा को लेकर मॉनिटरिंग संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) द्वारा की जाएगी, जेडब्ल्यूजी मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड आदि देशों में टूरिज्म के लिए अपनाए जा रहे सर्वोत्तम तौर-तरीकों की भी पहचान करेगा, ताकि खुद को मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के लिए सबसे अच्छे और पसंदीदा गंतव्य के रूप में प्रचारित किया जा सके.
बढ़ रही मेडिकल वैल्यू ट्रेवल इकॉनोमी
हाल के वर्षों में भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है. ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट (जीडब्ल्यूआई) की रिपोर्ट ‘द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी: लुकिंग बियॉन्ड कोविड’ के अनुसार, ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. आयुष आधारित हेल्थकेयर और वेलनेस अर्थव्यवस्था के 2025 तक 70 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है.
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