Kisan Andolan: SC ने कहा- किसानों को दिल्ली में एंट्री मिले या नहीं, पुलिस तय करेगी; बुधवार को फिर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (फ़ाइल फोटो)
Tractor Rally: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली निकलेगी या नहीं और रामलीला मैदान में प्रदर्शन के लिए जगह दी जाएगी या नहीं इस पर फैसला लेने का अधिकार दिल्ली पुलिस को है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 18, 2021, 7:47 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर सरकार और किसानों के बीच तनातनी लगातार जारी है. अब तक दोनों के बीच 9 दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. किसान नए कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालना चाहते हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस इसके पक्ष में नहीं है. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली निकलेगी या नहीं और राम लीला मैदान में प्रदर्शन के लिए जगह दी जाएगी या नहीं इस पर फैसला लेने का अधिकार दिल्ली पुलिस को है.
क्या है दिल्ली पुलिस की मांग?
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर सुनवाई कर था जिसमें मांग की गई थी कि किसानों की ट्रैक्टर रैली को रद्द किया जाए. पुलिस की दलील है कि इससे गणतंत्र दिवस परेड खराब हो सकती है. साथ ही कानून व्यवस्था खराब होने का भी हवाला दिया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले दिल्ली पुलिस इस पर कोई फैसला ले. फिर कोर्ट देखेगा कि क्या हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम कोर्ट से न करवाए.
सुप्रीम कोर्ट का जवाब
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है. पुलिस तय करे की रैली या प्रदर्शन होना चाहिए या नहीं. अगर हो तो किस तरह से इसका आयोजन हो. साथ ही ये भी तय करे कि उससे क्या खतरा हो सकता है. कोर्ट ऐसे मामलों में दखल नहीं दे सकता. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी. उम्मीद की जा रही है कि अगली सुनवाई से पहले दिल्ली पुलिस रैली और प्रदर्शन पर कोई फैसला लेगी. फिर सुप्रीम कोर्ट देखेगा की वो फैसला सही है या नहीं.
ये भी पढ़ें:- Bihar Politics: थोड़ा इंतजार कीजिए, जल्द साफ होगी नीतीश मंत्रिमंडल की तस्वीर
क्या है किसान संगठनों की दलील?
उधर किसान संगठनों ने भी कहा है कि वह दिल्ली के अंदर गणतंत्र दिवस परेड के नजदीक नहीं जाना चाहते. बल्कि दिल्ली के रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते है. गणतंत्र दिवस समारोह में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी. फिलहाल उन्हें दिल्ली के बॉर्डर से बाहर रखा गया है.
क्या है दिल्ली पुलिस की मांग?
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर सुनवाई कर था जिसमें मांग की गई थी कि किसानों की ट्रैक्टर रैली को रद्द किया जाए. पुलिस की दलील है कि इससे गणतंत्र दिवस परेड खराब हो सकती है. साथ ही कानून व्यवस्था खराब होने का भी हवाला दिया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले दिल्ली पुलिस इस पर कोई फैसला ले. फिर कोर्ट देखेगा कि क्या हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम कोर्ट से न करवाए.
सुप्रीम कोर्ट का जवाब
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है. पुलिस तय करे की रैली या प्रदर्शन होना चाहिए या नहीं. अगर हो तो किस तरह से इसका आयोजन हो. साथ ही ये भी तय करे कि उससे क्या खतरा हो सकता है. कोर्ट ऐसे मामलों में दखल नहीं दे सकता. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी. उम्मीद की जा रही है कि अगली सुनवाई से पहले दिल्ली पुलिस रैली और प्रदर्शन पर कोई फैसला लेगी. फिर सुप्रीम कोर्ट देखेगा की वो फैसला सही है या नहीं.
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क्या है किसान संगठनों की दलील?
उधर किसान संगठनों ने भी कहा है कि वह दिल्ली के अंदर गणतंत्र दिवस परेड के नजदीक नहीं जाना चाहते. बल्कि दिल्ली के रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते है. गणतंत्र दिवस समारोह में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी. फिलहाल उन्हें दिल्ली के बॉर्डर से बाहर रखा गया है.