नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यानी कि आज भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने 5G टेस्टबेड लॉन्च किया. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे देश का अपना, खुद से निर्मित 5G Testbed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. ये टेलीकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नोलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है. मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को, हमारे IITs को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 5Gi के रूप में जो देश का अपना 5G स्टैंडर्ड बनाया गया है, वो देश के लिए गर्व की बात है. ये देश के गांवों में 5G टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा.
संबोधन की प्रमुख बातें
पीएम मोदी ने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में ease of living, ease of doing business में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है. इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और logistics, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा. इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोज़गार के भी अनेक अवसर बनेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि यह अनुमान है कि आने वाले समय में, 5G भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डॉलर का योगदान देगा. इस दशक के अंत तक, हमें 6G सेवाओं को लॉन्च करने में सक्षम होना चाहिए. हमारी टास्क फोर्स इस पर काम कर रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर एक डाक टिकट भी जारी किया और आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड की भी शुरुआत की.
पीएम मोदी ने 2जी को हताशा और निराशा का पर्याय बताते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि वह कालखंड भ्रष्टाचार और नीतिगत पंगुता के लिए जाना जाता था. उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 3जी, 4जी, 5जी और 6जी की तरफ तेजी से हमने कदम बढ़ाए हैं. ये बदलाव बहुत आसानी और पारदर्शिता से हुए और इसमें ट्राई ने अहम भूमिका निभाई.’’
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में, अर्थव्यवस्था में multiplier effect पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलीकॉम सेक्टर है. 2G काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 8 सालों में Reach, Reform, Regulate, Respond और Revolutionize के पंचामृत से हमने टेलीकॉम सेक्टर में नई ऊर्जा का संचार किया है. इसमें TRAI की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि Silos वाली सोच से आगे निकलकर अब देश whole of the government approach के साथ आगे बढ़ रहा है. आज हम देश में tele-density और internet users के मामले में दुनिया में सबसे तेज़ी से expand हो रहे हैं तो उसमें टेलीकॉम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमने देश में ही मोबाइल फोन की मैन्युफेक्चरिंग पर बल दिया. परिणाम ये हुआ कि मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गईं.
Speaking at Silver Jubilee celebrations of @TRAI. https://t.co/a1DHeyFHoS
— Narendra Modi (@narendramodi) May 17, 2022
पीएम मोदी ने फाइबर कनेक्शन को लेकर कहा कि आज भारत देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में जुटा है. आपको भी पता है कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं. आज हम करीब-करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं. कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब हम आये, तो हमने सबका साथ, सबका विकास और इसके लिए टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया. इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़े, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक प्रकार से एक ऑर्गेनिक इकाई बनाकर आगे बढ़ें.
बता दें कि 5जी टेस्ट बेड को कुल 8 संस्थानों ने मिलकर तैयार किया है. ट्राई की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज के मुताबिक 5जी टेस्ट बेड को IIT मद्रास के नेतृत्व में डेवलप किया गया है. इस मुख्य प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, IIT हैदराबाद, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस परियोजना को 220 करोड़ से अधिक रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह तकनीक भारतीय उद्योगों तथा स्टार्टअप के लिए लाभदायक होगी.
जानिये क्या है 5जी टेस्टबेड
5जी टेस्टबेड दूरसंचार विभाग की एक खास परियोजना है, जिसके लिए दूरसंचार विभाग ने धनराशि जारी की है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप और उद्योग को 5जी में शुरुआती बढ़त देना है. परियोजना एक 5जी प्रोटोटाइप और टेस्टिंग मंच तैयार करेगी.
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