ममता बनर्जी के बदले सुर! पहली बार TMC वर्कर्स को 'अल्पसंख्यक कट्टरता' को लेकर किया आगाह

ममता के बदले सुर!
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का अल्पसंख्यकों को लेकर बयान और फिर उनका मंदिर जाना यह दिखाता है कि वो अब हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाना चाहती हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: November 19, 2019, 12:33 PM IST
कूचबिहार. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के सियासी सुर अब बदले से लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी से मुकाबले के लिए उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. इसी तहत उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में पहली बार 'अल्पसंख्यक कट्टरता' (Minority Extremism) का जिक्र किया और लोगों को इससे सावधान रहने को निर्देश दिया.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (AIMIM) का नाम लिए बिना उन्होंने इस पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कूचबिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा, 'मैं देख रही हूं कि अल्पसंख्यकों के बीच कई कट्टरपंथी मौजूद हैं. इनका ठिकाना हैदराबाद में है. आप लोग इन पर ध्यान मत दीजिए'.
मंदिर में पूजा
खास बात ये है कि ममता ने बैठक के बाद कूचबिहार में मदनमोहन मंदिर जाकर पूजा अर्चना की. इसके बाद वह राजबाड़ी ग्राउंड में आयोजित रास मेला में भी शामिल हुईं. बता दें कि एक हफ्ते पहले इस मंदिर में कूचबिहार से बीजेपी के सांसद नीतीश परमानिक भी पूजा करने पहुंचे थे.ममता के बदले बोल!
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अल्पसंख्यकों को लेकर उनका बयान और फिर उनका मंदिर जाना यह दिखाता है कि वो अब हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाना चाहती हैं. इसके अलावा कूचबिहार में उनका निशाना बंगाली और राजबंसी वोटरों पर भी है.
'BJP से करना है मुकाबला'
बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को बीजेपी से मुकाबला करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के नेता अब एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेंगे. आप लोग जो जहर उगलेंगे उसे पार्टी अब नहीं बर्दाश्त करेगी. मुझे इस बात की खुशी है कि तृणमूल के एमएलए और कॉउंसिलर अब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं.
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा, 'ममता बनर्जी अच्छी तरीके से जानती हैं कि बंगाल में उनका जनाधार कम हो रहा है, इसलिए वो ऐसी बातें कह रही हैं. ऐसी बातें वो सिर्फ लोगों को बांटने के लिए कर रही हैं इससे कोई फायदा नहीं होनेवाला.'

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असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (AIMIM) का नाम लिए बिना उन्होंने इस पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कूचबिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा, 'मैं देख रही हूं कि अल्पसंख्यकों के बीच कई कट्टरपंथी मौजूद हैं. इनका ठिकाना हैदराबाद में है. आप लोग इन पर ध्यान मत दीजिए'.
मंदिर में पूजा
खास बात ये है कि ममता ने बैठक के बाद कूचबिहार में मदनमोहन मंदिर जाकर पूजा अर्चना की. इसके बाद वह राजबाड़ी ग्राउंड में आयोजित रास मेला में भी शामिल हुईं. बता दें कि एक हफ्ते पहले इस मंदिर में कूचबिहार से बीजेपी के सांसद नीतीश परमानिक भी पूजा करने पहुंचे थे.ममता के बदले बोल!
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अल्पसंख्यकों को लेकर उनका बयान और फिर उनका मंदिर जाना यह दिखाता है कि वो अब हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाना चाहती हैं. इसके अलावा कूचबिहार में उनका निशाना बंगाली और राजबंसी वोटरों पर भी है.
'BJP से करना है मुकाबला'
बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को बीजेपी से मुकाबला करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के नेता अब एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेंगे. आप लोग जो जहर उगलेंगे उसे पार्टी अब नहीं बर्दाश्त करेगी. मुझे इस बात की खुशी है कि तृणमूल के एमएलए और कॉउंसिलर अब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं.
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा, 'ममता बनर्जी अच्छी तरीके से जानती हैं कि बंगाल में उनका जनाधार कम हो रहा है, इसलिए वो ऐसी बातें कह रही हैं. ऐसी बातें वो सिर्फ लोगों को बांटने के लिए कर रही हैं इससे कोई फायदा नहीं होनेवाला.'
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