त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व टिपरा मोथा पार्टी ने चुनावी घोषणापत्र जारी किया. (फाइल फोटो- टिपरा मोथा चीफ)
अगरतला. त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव (Tripura Assembly Election) से पहले टिपरा मोथा (Tipra Motha) ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिसमें ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ के लिए लड़ाई के वादे के साथ जनजातीय परिषद के लिए पुलिस बल, 20,000 नयी नौकरियां और आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के लिए एकमुश्त पैकेज की घोषणा की गई है. टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा (Tipra Motha Chief Pradyot Bikram) ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय परिषद क्षेत्र में रहने वाले गैर जनजातीय लोगों को जबरन नहीं हटाया जाएगा और मूल जनजातियों के सभी ‘समाजपतियों’’ को हर महीने 25,000 रुपये दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘टिपरा मोथा त्रिपुरा के मूल लोगों के वास्ते एक स्थायी संवैधानिक समाधान की मूल वैचारिक मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और जब तक इसे हासिल नहीं किया जाता, हम अपने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे.’ चुनावी घोषणापत्र में इसके प्रशासन के तहत पुलिस बल के लिए त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (अीटीएएडीसी) पुलिस विधेयक का प्रस्ताव दिया गया है। करीब 6,000 युवाओं की इसके तहत भर्ती की जाएगी.
देबबर्मा ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो जमीन का मालिकाना हक उन लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अब तक यह अधिकार नहीं मिला है. उन्होंने समुदाय के विकास के लिए एक ‘मणिपुरी कल्याण बोर्ड’ की स्थापना का भी वादा किया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देबबर्मा ने कहा, ‘आखिर भाजपा मेघालय में चुनाव क्यों लड़ रही है? वह तमिलनाडु में चुनाव क्यों लड़ रही है जबकि वह जानती है कि वहां चुनाव जीतने की कोई संभावना नहीं है.’ असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि टिपरा मोथा को वोट देना, वोट नहीं देने के समान है. 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 16 फरवरी को होगा, जबकि वोटों की गिनती दो मार्च को होगी.
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