पास हो गई बिप्लब देब की थ्योरी! साइंटिस्ट्स ने माना- बतख बढ़ाते हैं तालाब में ऑक्सीजन

मानें ना मानें बिप्लब देब की थ्योरी में है दम, बतख बढ़ाते हैं तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा (image credit: PTI)
भले ही बिप्लब देब के दावे अक्सर विचित्र होते हैं, लेकिन इस बार उनका दावा सही साबित हुआ है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन यानी एफएओ ने बतखों को खाद मशीनें बताया है.
- News18.com
- Last Updated: August 29, 2018, 7:07 PM IST
पुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को खबरों में रहना बहुत पसंद है. पद संभालने के बाद से ही उन्होंने एक के बाद एक अजीब-ओ-गरीब बयान दिए. सैटेलाइट्स और इंटरनेट महाभारत काल में भी मौजूद थे, ये कहने पर मुख्यमंत्री का खूब मज़ाक उड़ाया गया. लेकिन लगता है कि इस बार उनकी दी गई थ्योरी सटीक बैठी है. उनका दावा कि बतखों के तैरने से जलाशयों में ऑक्सीजन का स्तर अपने आप बढ़ जाता है, जिससे पानी में रहने वाली मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है, बिल्कुल सही है.
बिप्लब देब ने मंगलवार को त्रिपुरा के रुद्रसागर झील में नौका दौड़ के एक कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्होंने इलाके के मछुआरों को 50,000 सफेद बतख बांटने का ऐलान किया, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सौंदर्यशास्र को बेहतर बनाया जा सके.
भले ही बिप्लब देब के दावे अक्सर विचित्र होते हैं, लेकिन इस बार उनका दावा सही साबित हुआ है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन यानी एफएओ ने बतखों को खाद मशीनें बताया है.
रिपोर्ट्स बताते हैं कि बतखों के पानी में छपछपाने से तालाब ने नीचे की मिट्टी ढीली होती है, जिससे मिट्टी से पोषक तत्व निकलते हैं. ये तालाब में उर्वरता को बढ़ाता है. बतख जब तैरते हैं तो पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है जिससे बतखों को जैविक वायुयान कहा जाता है.
बिप्लब देब ने मंगलवार को त्रिपुरा के रुद्रसागर झील में नौका दौड़ के एक कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्होंने इलाके के मछुआरों को 50,000 सफेद बतख बांटने का ऐलान किया, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सौंदर्यशास्र को बेहतर बनाया जा सके.
भले ही बिप्लब देब के दावे अक्सर विचित्र होते हैं, लेकिन इस बार उनका दावा सही साबित हुआ है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन यानी एफएओ ने बतखों को खाद मशीनें बताया है.
रिपोर्ट्स बताते हैं कि बतखों के पानी में छपछपाने से तालाब ने नीचे की मिट्टी ढीली होती है, जिससे मिट्टी से पोषक तत्व निकलते हैं. ये तालाब में उर्वरता को बढ़ाता है. बतख जब तैरते हैं तो पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है जिससे बतखों को जैविक वायुयान कहा जाता है.
Duck-fish farming is integrated farming. Ducks's excreta helps growth of fish. Ducks are natural aerators&help in increasing oxygen level&DEO can also be increased. This has been proved through studies: A Debbarma, Scientist Indian Council of Forestry Research & Education (28.08) pic.twitter.com/MdzwPCu48c
— ANI (@ANI) August 29, 2018