Corona Virus: ब्रिटेन की स्टडी में दावा- घातक नहीं है नया स्ट्रेन, पुराने की तुलना में संक्रामक ज्यादा

एक्सपर्ट्स की सलाह- घबराएं नहीं (सांकेतिक तस्वीर- AP)
Corona Virus Update: इस स्टडी से एक और जरूरत बात सामने आई है. एक्सपर्ट्स ने पाया है कि नया स्ट्रेन भले ही कम जानलेवा या घातक है, लेकिन इसकी संक्रामकता पहले से ज्यादा है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 2, 2021, 11:26 AM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए स्ट्रेन (New Strain) की एंट्री भारत में भी हो चुकी है. कई राज्यों में इसके कुछ मरीज मिले हैं. हालांकि, ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ संस्था की स्टडी (Corona Virus Study) इस नए स्ट्रेन को लेकर चिंता कम कर सकती है. स्टडी में पता चला है कि पुराने स्ट्रेन के मुकाबले नया वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं है. हालांकि, इसकी संक्रामकता पहले से ज्यादा है. वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी नहीं घबराने की सलाह दी है.
नवभारत टाइम्स से बातचीत में एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने बताया है कि इस स्टडी में 3600 लोग शामिल थे. उन्होंने बताया कि मरीजों को दो वर्गों में बांटा गया था. एक वर्ग में पुराने वैरिएंट वाले मरीज थे, जबकि दूसरे वर्ग में नए स्ट्रेन की चपेट में आए लोग थे. खास बात है कि मरीजों की इतनी बड़ी संख्या में से केवल 42 मरीजों को ही अस्पताल में दाखिल कराने की नौबत आई. जिसमें पुराने स्ट्रेन वाले 26 और नए वैरिएंट के मरीज 16 थे.
डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में से 22 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें से मरने वाले पुराने स्ट्रेन के मरीजों की संख्या 12 थी. जबकि, नए वैरिएंट के मामले में आंकड़ा 10 पर पहुंच गया था. उन्होंने कहा इससे पता चलता है कि यह वायरस कम घातक है. हालांकि, इस स्टडी से एक और जरूरत बात सामने आई है. एक्सपर्ट्स ने पाया है कि नया स्ट्रेन भले ही कम जानलेवा या घातक है, लेकिन इसकी संक्रामकता पहले से ज्यादा है.
यह भी पढ़ें: ब्रिटेन: भारतीय दूतावास ने 8 जनवरी तक निलंबित की कॉन्स्युलर सेवाएं, नए स्ट्रेन को लेकर उठाया कदममैक्स में कोविड-19 विशेषज्ञ रोमल टिक्कू दावा करते हैं कि इस दौरान हमें पैनिक नहीं होना चाहिए. हालांकि, इस दौरान उन्होंने कोविड नियमों के पालनों पर जोर दिया है. एनबीटी से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में जल्द ही वैक्सनी अभियान शुरू हो जाएगा. हमें केवल अपनी ओर से सावधानियां बरतनी हैं.

फिलहाल भारत ने भी कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के डर से लगाई ब्रिटेन की उड़ानों पर पाबंदी को हटाने का फैसला किया है. आगामी 8 जनवरी के बाद से ब्रिटेन से फ्लाइट का आवागमन शुरू हो जाएगा. हालांकि, कई देशों ने अभी भी उड़ानों पर अस्थाई रूप से पाबंदी लगाई है.
नवभारत टाइम्स से बातचीत में एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने बताया है कि इस स्टडी में 3600 लोग शामिल थे. उन्होंने बताया कि मरीजों को दो वर्गों में बांटा गया था. एक वर्ग में पुराने वैरिएंट वाले मरीज थे, जबकि दूसरे वर्ग में नए स्ट्रेन की चपेट में आए लोग थे. खास बात है कि मरीजों की इतनी बड़ी संख्या में से केवल 42 मरीजों को ही अस्पताल में दाखिल कराने की नौबत आई. जिसमें पुराने स्ट्रेन वाले 26 और नए वैरिएंट के मरीज 16 थे.
डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में से 22 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें से मरने वाले पुराने स्ट्रेन के मरीजों की संख्या 12 थी. जबकि, नए वैरिएंट के मामले में आंकड़ा 10 पर पहुंच गया था. उन्होंने कहा इससे पता चलता है कि यह वायरस कम घातक है. हालांकि, इस स्टडी से एक और जरूरत बात सामने आई है. एक्सपर्ट्स ने पाया है कि नया स्ट्रेन भले ही कम जानलेवा या घातक है, लेकिन इसकी संक्रामकता पहले से ज्यादा है.
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फिलहाल भारत ने भी कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के डर से लगाई ब्रिटेन की उड़ानों पर पाबंदी को हटाने का फैसला किया है. आगामी 8 जनवरी के बाद से ब्रिटेन से फ्लाइट का आवागमन शुरू हो जाएगा. हालांकि, कई देशों ने अभी भी उड़ानों पर अस्थाई रूप से पाबंदी लगाई है.