नई दिल्ली. यूक्रेन (Ukraine) के सूमी (Sumy) में फंसे करीब 600 भारतीय (Indian) छात्रों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने संवाददाताओं को बताया कि सूमी शहर में फंसे सभी 694 भारतीय छात्रों को बसों के जरिए पोल्टावा के लिए रवाना किया गया है. पुरी ने कहा, ‘बीती रात, मैंने कंट्रोल रूम से जांच की थी, सूमी शहर में 694 भारतीय छात्र शेष थे. आज, बसों में वे सभी पोल्टावा के लिए रवाना हुए हैं.’ समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सूमी विश्वविद्यालय में एक मेडिकल छात्र ने पुष्टि की है कि बसें आ चुकी हैं और छात्रों ने बसों में चढ़ना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया है कि हम पोल्टावा जाएंगे. मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि हम एक सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचें और यह दुख खत्म हो जाए. छात्रों को सूमी और यूक्रेन की राजधानी कीव के पास इरपिन शहर से नागरिकों को निकालने के हिस्से के रूप में एक ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मध्य यूक्रेन के एक शहर पोल्टोवा में स्थानांतरित कर दिया गया था. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने सूमी नागरिकों को निकालने का एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि हम रूस से यूक्रेन में अन्य मानवीय गलियारों पर सहमत होने का आह्वान करते हैं.
We have already started the evacuation of civilians from Sumy to Poltava, including foreign students.
We call on Russia to agree on other humanitarian corridors in Ukraine.#Ukraine #StopRussianAggression pic.twitter.com/pmjhHLkIrH
— MFA of Ukraine 🇺🇦 (@MFA_Ukraine) March 8, 2022
सूमी, रूसी सीमा के पास और यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 350 किमी पूर्व में स्थित है जिसमें आक्रमण के बाद से भारी लड़ाई देखी गई है. शहर में हवाई हमले में दो बच्चों समेत कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. छात्र कई दिनों से निकासी का इंतजार कर रहे थे. शनिवार को कड़ाके की ठंड, भोजन और पानी की आपूर्ति में कमी का सामना करने में असमर्थ, छात्रों ने वीडियो साझा करते हुए कहा कि उन्होंने 50 किमी दूर रूसी सीमा की जोखिम भरी यात्रा शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन सरकार ने उन्हें रोकते हुए ऐसा करने से मना कर दिया था.
सरकार ने बताया था कि उन छात्रों से संपर्क किया गया था और कहा था कि वे ‘अनावश्यक जोखिमों से बचें.’ इससे पहले सोमवार को इन छात्रों को सुरक्षित निकालने की योजना विफल हो गई थी क्योंकि यूक्रेन ने रूस और बेलारूस के लिए मानवीय गलियारे के लिए एक रूसी योजना को खारिज कर दिया था. इसके तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ सूमी से भारतीय छात्रों की रुकी हुई निकासी प्रक्रिया शुरू करने के तरीकों पर चर्चा की थी.
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