आम बजट 2020-21: इस बार ये 10 बदलाव आपके पर्सनल फाइनेंस को करेंगे प्रभावित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया
Union Budget 2020-21:आर्थिक उत्पादों की गलत बिक्री को कम करने लिए निर्मला सीतारमण ने एक इनवेस्टमेंट चार्टर स्थापित करने की बात कही है. यह चार्टर फाइनेंशियल सेक्टर के सभी उत्पादों के निवेशकों से संबंधित होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: February 2, 2021, 1:03 AM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को देश का बजट पेश कर दिया है. कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) की वजह से इस बार का वजट बेहद खास था. हालांकि, इस दौरान सरकार ने मध्यमवर्गीय और आम लोगों को लेकर कई घोषणाएं की हैं. वहीं, बजट के अनुसार नई नीतियों के चलते आने वाले वित्तीय वर्ष में आपके लिए कई तरह के बदलाव हो सकते हैं. 10 पॉइंट्स में समझते हैं कि कैसे अब आपका पर्सनल फाइनेंस कैसा नजर आने वाला है.
सीनियर सिटीजन्स को नहीं भरना होगा IT रिटर्न
केवल पेंशन और ब्याज की आय वाले 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरना होगा. हालांकि, वित्त मंत्री ने इस दौरान यह साफ नहीं किया कि इसमें लाभांश की आय शामिल होगी या नहीं. कई सीनियर सिटीजन इक्विटीज में भी निवेश करते हैं.
बेहतर होगा डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बेहतर डिपॉजिट बीमा कवर के लिए नीतिगत ढांचे को तैयार करेंगी. इससे बैंक के मुश्किल समय में उसमें पैसा जमा करने वालों को इंश्योरेंस क्लैम में आसानी होगी. बीते साल सरकार ने इस डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था.
सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा
कोविड-19 (Covid-19) महमारी के चलते नौकरी गंवाकर फ्रीलांस काम करने वाले लोगों को बजट ने खासी राहत दी है. अब गिग और प्लेटफॉर्म्स के लिए काम करने वालों को भी सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा. ई-कॉमर्स कर्मचारियों को ESI और न्यूनतम वेतन नियम में शामिल किया जाएगा. महिलाओं को भी हर सेक्टर में नाइट शिफ्ट करने की अनुमति होगी.
फेसलैस एसेसमेंट
बजट 2021 में फेसलैस मूल्यांकन को बढ़ावा दिया गया है. विवादों के निपटारे के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी. 50 लाख तक की आए वाले और 10 लाख रुपए की विवादित आय वाले लोग इस कमेटी से संपर्क कर सकेंगे.
आर्थिक उत्पादों के लिए इनवेस्टमेंट चार्टर
आर्थिक उत्पादों की गलत बिक्री को कम करने लिए निर्मला सीतारमण ने एक इनवेस्टमेंट चार्टर स्थापित करने की बात कही है. यह चार्टर फाइनेंशियल सेक्टर के सभी उत्पादों के निवेशकों से संबंधित होगा. फिलहाल इसके संबंध में अभी और जानकारियां मिलना बाकी हैं.
कर विवादों का जल्दी समाधान
आयकर रिटर्न के तहत मूल्यांकन को दोबारा शुरू किए जाने के समय को 6 साल से घटाकर 3 साल कर दिया है. कर चोरी के गंभीर मामले भी उन मामलों से संबंधित होंगे, जहां एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा की आय छिपाने के सबूत हैं. ऐसे मामलों में दोबारा मूल्यांकन 10 साल में हो सकता है. इससे टैक्स अथॉरिटीज और कर दाताओं पर भार कम होगा और मामलों का जल्दी समाधान हो सकेगा.
पहले से भरे हुए होंगे टैक्स फॉर्म्स
इस साल सीतारमण ने कहा है कि सोर्स से ही कर छूट के अलावा अब कैपिटल गेन्स, बैंक और पोस्ट ऑफिस ब्याज की जानकारी पहले से भरी हुई होगी. इससे करदाताओं को अपना टैक्स देने में कम समय लगेगा.
होम लोन ब्याज पर छूट बढ़ी
किफायती घरों की खरीदी बढ़ेगी. इसका फायदा उन्हें मिलेगा, जो किफायदी घर खरीदने के लिए डिडक्शन का लाभ उठाते हैं. इसे समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया है.
निवेश की नई जगह
जल्द ही फुटकर निवेशकों को निवेश का एक और रास्ता मिलने वाला है. इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को बढ़ाने के लिए घोषणा की गई है कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेब्ट फंड अब टैक्स एफिशिएंट जीरो कूपन बॉन्ड जारी कर फंड जुटा सकते हैं. इस मामले में और जानकारी मिलना बाकी है.

NRIs को फायदा
एनआरआई के लिए दोहरी कर प्रणाली में बदलाव किए गए हैं. खासतौर से उनके लिए जो भारत वापस आ गए हैं. इस दौरान उन्हें भी राहत दी गई है, जो कर चुकाने के बाद भी लाभ लेने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
सीनियर सिटीजन्स को नहीं भरना होगा IT रिटर्न
केवल पेंशन और ब्याज की आय वाले 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरना होगा. हालांकि, वित्त मंत्री ने इस दौरान यह साफ नहीं किया कि इसमें लाभांश की आय शामिल होगी या नहीं. कई सीनियर सिटीजन इक्विटीज में भी निवेश करते हैं.
बेहतर होगा डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बेहतर डिपॉजिट बीमा कवर के लिए नीतिगत ढांचे को तैयार करेंगी. इससे बैंक के मुश्किल समय में उसमें पैसा जमा करने वालों को इंश्योरेंस क्लैम में आसानी होगी. बीते साल सरकार ने इस डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था.
सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा
कोविड-19 (Covid-19) महमारी के चलते नौकरी गंवाकर फ्रीलांस काम करने वाले लोगों को बजट ने खासी राहत दी है. अब गिग और प्लेटफॉर्म्स के लिए काम करने वालों को भी सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा. ई-कॉमर्स कर्मचारियों को ESI और न्यूनतम वेतन नियम में शामिल किया जाएगा. महिलाओं को भी हर सेक्टर में नाइट शिफ्ट करने की अनुमति होगी.
फेसलैस एसेसमेंट
बजट 2021 में फेसलैस मूल्यांकन को बढ़ावा दिया गया है. विवादों के निपटारे के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी. 50 लाख तक की आए वाले और 10 लाख रुपए की विवादित आय वाले लोग इस कमेटी से संपर्क कर सकेंगे.
आर्थिक उत्पादों के लिए इनवेस्टमेंट चार्टर
आर्थिक उत्पादों की गलत बिक्री को कम करने लिए निर्मला सीतारमण ने एक इनवेस्टमेंट चार्टर स्थापित करने की बात कही है. यह चार्टर फाइनेंशियल सेक्टर के सभी उत्पादों के निवेशकों से संबंधित होगा. फिलहाल इसके संबंध में अभी और जानकारियां मिलना बाकी हैं.
कर विवादों का जल्दी समाधान
आयकर रिटर्न के तहत मूल्यांकन को दोबारा शुरू किए जाने के समय को 6 साल से घटाकर 3 साल कर दिया है. कर चोरी के गंभीर मामले भी उन मामलों से संबंधित होंगे, जहां एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा की आय छिपाने के सबूत हैं. ऐसे मामलों में दोबारा मूल्यांकन 10 साल में हो सकता है. इससे टैक्स अथॉरिटीज और कर दाताओं पर भार कम होगा और मामलों का जल्दी समाधान हो सकेगा.
पहले से भरे हुए होंगे टैक्स फॉर्म्स
इस साल सीतारमण ने कहा है कि सोर्स से ही कर छूट के अलावा अब कैपिटल गेन्स, बैंक और पोस्ट ऑफिस ब्याज की जानकारी पहले से भरी हुई होगी. इससे करदाताओं को अपना टैक्स देने में कम समय लगेगा.
होम लोन ब्याज पर छूट बढ़ी
किफायती घरों की खरीदी बढ़ेगी. इसका फायदा उन्हें मिलेगा, जो किफायदी घर खरीदने के लिए डिडक्शन का लाभ उठाते हैं. इसे समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया है.
निवेश की नई जगह
जल्द ही फुटकर निवेशकों को निवेश का एक और रास्ता मिलने वाला है. इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को बढ़ाने के लिए घोषणा की गई है कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेब्ट फंड अब टैक्स एफिशिएंट जीरो कूपन बॉन्ड जारी कर फंड जुटा सकते हैं. इस मामले में और जानकारी मिलना बाकी है.
NRIs को फायदा
एनआरआई के लिए दोहरी कर प्रणाली में बदलाव किए गए हैं. खासतौर से उनके लिए जो भारत वापस आ गए हैं. इस दौरान उन्हें भी राहत दी गई है, जो कर चुकाने के बाद भी लाभ लेने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.