क्यों लगी है पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 'आग'? पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गिनाए कारण

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल उत्पादन कम हो गया है. ANI
Petrol Diesel price Hike: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि "पेट्रोल की कीमतों और टैक्स कलेक्शन के बीच बैलेंस बना रहना चाहिए. विश्वास है कि वित्तमंत्री कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालेंगी."
- News18Hindi
- Last Updated: February 21, 2021, 6:59 PM IST
नई दिल्ली. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी 'आग' पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कारण गिनाए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कीमतें बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं. उन्होंने कहा, "पहला कि अंतरराष्ट्रीय बाजार ने तेल उत्पादन और मैन्युफैक्चरिंग को कम कर दिया है. तेल उत्पादक देश ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए तेल का उत्पादन कम कर रहे हैं. इसकी वजह से तेल के उपभोक्ता देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है." उन्होंने कहा कि "हम लगातार ओपेक और ओपेक प्लस देशों से आग्रह कर रहे हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए. उम्मीद है कि इसमें बदलाव आएगा."
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि "दूसरा कारण कोरोना वायरस महामारी है. हमें बहुत सारे विकास कार्य करने हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को टैक्स कलेक्ट करना होता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों पर खर्च हो और जनता को रोजगार मिले. केंद्र सरकार ने अपना निवेश बढ़ाया है और इस बार के बजट में 34 फीसदी ज्यादा खर्च का प्रावधान रखा गया है." प्रधान ने कहा कि "राज्य सरकारें भी अपना खर्च बढ़ा रही हैं, लिहाजा हमें टैक्स की जरूरत है, लेकिन बैलेंस भी बना रहना चाहिए. मुझे विश्वास है कि वित्तमंत्री कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालेंगी."
बता दें कि देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी पर बहस जारी है. इस बीच रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए ईंधन कीमतों में 1 रुपए की कटौती कर दी. खास बात ये है कि देश के कई शहरों में मोटर ईंधन की कीमतें सैकड़ा पार कर गईं हैं. विपक्षी दल और आम जनता लगातार केंद्र सरकार से ईंधन की कीमतों को काबू में करने की मांग कर रही हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार को पेट्रोल की कीमत 91.78 रुपए थी. जबकि, डीजल 84.56 रुपए प्रति लीटर थी. राजधानी दिल्ली में रविवार को पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर की दर से बिका.
खास बात है कि बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव से कुछ दिन पहले सरकार कीमतों में कमी करेगी.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि "दूसरा कारण कोरोना वायरस महामारी है. हमें बहुत सारे विकास कार्य करने हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को टैक्स कलेक्ट करना होता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों पर खर्च हो और जनता को रोजगार मिले. केंद्र सरकार ने अपना निवेश बढ़ाया है और इस बार के बजट में 34 फीसदी ज्यादा खर्च का प्रावधान रखा गया है." प्रधान ने कहा कि "राज्य सरकारें भी अपना खर्च बढ़ा रही हैं, लिहाजा हमें टैक्स की जरूरत है, लेकिन बैलेंस भी बना रहना चाहिए. मुझे विश्वास है कि वित्तमंत्री कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालेंगी."
बता दें कि देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी पर बहस जारी है. इस बीच रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए ईंधन कीमतों में 1 रुपए की कटौती कर दी. खास बात ये है कि देश के कई शहरों में मोटर ईंधन की कीमतें सैकड़ा पार कर गईं हैं. विपक्षी दल और आम जनता लगातार केंद्र सरकार से ईंधन की कीमतों को काबू में करने की मांग कर रही हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार को पेट्रोल की कीमत 91.78 रुपए थी. जबकि, डीजल 84.56 रुपए प्रति लीटर थी. राजधानी दिल्ली में रविवार को पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर की दर से बिका.
खास बात है कि बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव से कुछ दिन पहले सरकार कीमतों में कमी करेगी.