नई दिल्ली. इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election-2022) की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, उससे जुड़े तमाम दूसरे पहलू भी सामने आने लगे हैं. जैसे- प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कुछ संभावनाएं बन रही हैं. खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) को लेकर कि वहां 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election-2017) का रिप्ले हो सकता है. इसकी वजहें ठोस हैं. दरअसल, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन (SP-RLD Coalition) ने अब तक 17 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है. जबकि, बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी 17 ही मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.
घोषित उम्मीदवारों को प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सपा ने अब तक 22% और बसपा ने 29% के करीब टिकट मुस्लिमों को वितरित किए हैं. इनमें से लगभग सभी मुस्लिम उम्मीदवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) के लिए हैं, जहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्य है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक 109 प्रत्याशियों की घोषणा की है. इनमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है. न्यूज18 से यह जानकारी भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) की वेबसाइट से हासिल की है. साथ ही पार्टियों की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूचियों की भी पड़ताल की गई है. उससे ये आंकड़े मिले. अब इन आंकड़ों से कैसे 2017 की पुनरावृत्ति की संभावना बनती है, उसे देखते हैं.
पहली संभावना: साल 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election-2017) में सपा-कांग्रेस गठबंधन (SP-Congress Coalition) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे. इन पर बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों को ही टिकट दिया. नतीजा, सभी सातों सीटें भाजपा (BJP) की झोली में चली गईं. मुस्लिम आबादी के वोट बंटने का भाजपा (BJP) को सीधा फायदा मिला. इस बार फिलहाल इस क्षेत्र की 8 सीटों पर 2017 जैसी ही स्थिति है.
दूसरी संभावना: भाजपा (BJP), खास तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस बार के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) को 80 बनाम 20 के तौर प्रचारित किया है. यानी 80% हिंदू बनाम 20% मुस्लिम आबादी के बीच सीधा मुकाबला. ऐसे में मुस्लिम प्रत्याशियों को सपा-बसपा (SP-BSP) द्वारा अधिक तवज्जो दिए जाने से भाजपा (BJP) को अपना यह नारा और मजबूती से जनता के बीच ले जाने का आधार मिल सकता है.
तीसरी संभावना: योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के 80:20 के नारे को ही आधार मानकर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) यह उम्मीद कर रहे हैं कि मुस्लिम एकजुट होकर उनकी ओर आएंगे. लेकिन इसका दूसरा पहलू 2017 के चुनाव से ही यह सामने आता है कि मुस्लिम मतदाता सपा (SP) की तुलना में बसपा (BSP) की तरफ अधिक झुके हुए हैं. बीते विधानसभा चुनाव के मतदान के आंकड़े बताते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) में मुस्मिलों ने बसपा (BSP) को सपा (SP) की तुलना में अधिक वोट दिए. इससे चुनावी मुनाफा भाजपा (BJP) की तरफ खिसक गया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) में 20 जिले हैं. इन जिलों की कुल 70 सीटों पर 10 और 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. भाजपा (BJP) ने 2017 में इस क्षेत्र की 70 में से 51 सीटें जीती थीं.
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