अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में खुलासा- चीन सरकार ने बनाई थी गलवान घटना की योजना

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
अमेरिकी आयोग (American Commission) की रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ कई वर्षों के अपने अभियान में तेजी लाई और जापान से और भारत समेत दक्षिणी पूर्व एशिया के देशो को सैन्य स्टैंडऑफ (Standoff) के लिए भड़काया.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 5:34 PM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका के एक महत्वपूर्ण आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भारत और चीन के बीच LAC पर गलवान (Galwan) घटना को लेकर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ तथ्यों के मुताबिक चीन सरकार (China Government) ने गलवान घटना की योजना बनाई थी, जिसमें जवानों की जान गंवाने की भी आशंका थी. अमेरिका-चीन आर्थिक सुरक्षा समीक्षा आयोग की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है और ये रिपोर्ट अमेरिकी संसद के लिए तैयार की गई है.
आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना से कुछ हफ्ते पहले चीनी रक्षा मंत्री ने मिलिट्री फोर्स इस्तेमाल की बात की थी. जिसके बाद हिंसक झड़प भारत-चीन सीमा (Indo-China Border) पर हुई, जिसमें 1975 के बाद पहली बार जान का नुकसान हुआ. इसके अलावा गलवान की हिंसा से पहले की सैटेलाइट तस्वीरों में गलवान घाटी में चीन की तरफ से व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करते देखा गया और इसके अलावा 1000 चीनी सैनिकों की मौजूदगी भी देखी गई.
अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ कई वर्षों के अपने अभियान में तेजी लाई और जापान से और भारत समेत दक्षिणी पूर्व एशिया के देशो को सैन्य स्टैंडऑफ के लिए भड़काया. रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन का मकसद भारत को अपनी सीमा के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से रोकना या भारत के अमेरिका की तरफ झुकाव पर चेतावनी देना था तो चीन का फैसला अप्रभावी रहा.
क्या है अमेरिका- चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग?
इस आयोग को अनौपचारिक तौर पर अमेरिका-चीन आयोग भी कहते हैं. ये अमेरिकी सरकार का संसदीय आयोग है. अक्टूबर, 2000 में इसका निर्माण किया गया था और आयोग का काम अमेरिका और चीन के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार मसलों की मॉनिटरिंग करना है.
आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना से कुछ हफ्ते पहले चीनी रक्षा मंत्री ने मिलिट्री फोर्स इस्तेमाल की बात की थी. जिसके बाद हिंसक झड़प भारत-चीन सीमा (Indo-China Border) पर हुई, जिसमें 1975 के बाद पहली बार जान का नुकसान हुआ. इसके अलावा गलवान की हिंसा से पहले की सैटेलाइट तस्वीरों में गलवान घाटी में चीन की तरफ से व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करते देखा गया और इसके अलावा 1000 चीनी सैनिकों की मौजूदगी भी देखी गई.
अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ कई वर्षों के अपने अभियान में तेजी लाई और जापान से और भारत समेत दक्षिणी पूर्व एशिया के देशो को सैन्य स्टैंडऑफ के लिए भड़काया. रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन का मकसद भारत को अपनी सीमा के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से रोकना या भारत के अमेरिका की तरफ झुकाव पर चेतावनी देना था तो चीन का फैसला अप्रभावी रहा.
क्या है अमेरिका- चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग?
इस आयोग को अनौपचारिक तौर पर अमेरिका-चीन आयोग भी कहते हैं. ये अमेरिकी सरकार का संसदीय आयोग है. अक्टूबर, 2000 में इसका निर्माण किया गया था और आयोग का काम अमेरिका और चीन के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार मसलों की मॉनिटरिंग करना है.