नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के नए शासन को लेकर भारत की बड़ी प्रतिक्रिया आई है. भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने साफ किया है कि अभी तक तालिबान से भारत का संपर्क सीमित ही है. साथ ही उन्होंने पिछली चर्चाओं को लेकर उम्मीद जताई है कि तालिबान मुद्दों को हल करने के मामले में तर्कशील रवैया अपनाएगा. इसके अलावा अफगानिस्तान में समूह की नई सरकार के गठन पर अमेरीका (USA) और भारत पैनी नजर बनाए हुए हैं. दोनों देश अफगान में पाकिस्तान के ‘दखल’ को लेकर सतर्क हैं.
तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे विदेश सचिव श्रृंगला ने अंतिम दिन शुक्रवार को कहा, ‘जाहिर है, हमारी तरह वे भी इसे बड़े ध्यान से देख रहे हैं. हमें भी पाकिस्तान की गतिविधियों पर ध्यान देना होगा.’ उन्होंने जानकारी दी कि अफगानिस्तान में आगे किस तरह के हालात तैयार होते हैं, यह देखने के लिए अमेरिका ‘वेट एंड वॉच’ की नीति पर काम करेगा.
उन्होंने कहा कि भारत की भी यही नीति है. श्रृंगला ने कहा, ‘इसका यह मतलब नहीं है कि आप कुछ नहीं करेंगे. इसका साधारण सा मतलब है कि आपको करना होगा… जमीन पर हालात बेहद अस्थिर हैं, आपको यह देखना होगा कि आगे यह किस तरह तैयार होते हैं. आपको यह देखना होगा कि सार्वजनिक तौर पर दिए गए भरोसे को माना जा भी रहा है या नहीं और चीजें कैसे काम करेंगी.’
हाल ही में कतर में भारतीय राजदूत के साथ तालिबान के एक वरिष्ठ नेता की बैठक हुई थी. इसपर श्रृंगला ने कहा, ‘उनके (तालिबान) के साथ हमारा संपर्क सीमित रहा है. इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे बीच मजबूत बातचीत हुई थी.’ विदेश सचिव ने अब तक हुई बातचीत के आधार पर बताया, ‘कम से कम तालिबान ने यह संकेत दिए हैं कि वे इस मामले को सुलझाने में उचित रवैया अपनाएंगे.’
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अफगानिस्तान की स्थिति पर अमेरिका की प्रतिक्रिया को लेकर उन्होंने कहा, ‘वे जाहिर तौर पर देखेंगे कि अफगानिस्तान की स्थिति पर अलग-अलग खिलाड़ी कैसे काम करेंगे. पाकिस्तान, अफगानिस्तान का पड़ोसी है. उन्होंने तालिबान का समर्थन और पोषण किया है. वहां ऐसी कई चीजें हैं, जो पाकिस्तान समर्थित हैं.’
एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने बताया कि अमेरिकियों ने हमेशा कहा है कि तालिबान ने उनसे वादा किया है कि वे अफगान के क्षेत्र का इस्तेमाल दोबारा इस तरह से नहीं करने देंगे, जिससे अफगानिस्तान के बाहर किसी भी देश को नुकसान हो. श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका ने यह साफ किया है कि अगर अफगानिस्तान से कोई भी आतंकी गतिविधियां होती हैं, तो वे तालिबान को जिम्मेदार ठहराएंगे. उन्होंने जानकारी दी कि इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक साथ है.
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