नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश से कांग्रेस (UP Congress) के तत्कालीन राज्यसभा सदस्य रत्नाकर पांडेय ने 2011 में एक मार्के का बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ‘कांग्रेस (Congress) कोई दूध की धुली नहीं है. इसने भी गलतियां कीं हैं. उनका खमियाजा उसे भुगतना पड़ा.’ पांडेय का बयान गलत नहीं है. करीब 33 साल हो गए हैं, जब से कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है. प्रदेश में कांगेस (Congress) के आखिरी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी (ND Tiwari) थे 1988-89 में. इसके बाद से वह हर चुनाव में अपनी वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाती है. लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के इन चुनावों (UP Assembly Election-2022) में वह अपनी सरकार की वापसी का मंसूबा बांधे हुए है. लेकिन उसका यह मंसूबा पूरा होगा, इसकी संभावना जानकारों को दूर-दूर तक नहीं दिखती. इसलिए सवाल हो सकता है कि आखिर वे कौन सी गलतियां रहीं (जिनका रत्नाकर पांडेय जैसे नेता उल्लेख करते हैं), जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को अब तक उठने नहीं दिया. नजर डालते हैं, कांग्रेस की 5 प्रमुख गलतियों पर…
रत्नाकर पांडेय जैसे नेताओं की मानें तो एक वक्त था, जब कांग्रेस (Congress) का जनाधार हर वर्ग में था. फिर चाहे, वह दलित हों, आदिवासी, पिछड़े या उच्च ब्राह्मण वर्ग. लेकिन आगे चलकर वह मंडल-कमंडल के बीच ऐसी फंसी कि उसका यह मुख्य समर्थक वर्ग ही उससे दूर हो गया. गौर करने लायक है कि 1990 और उसके बाद के ही कुछ निर्णायक साल थे. जब एक ओर कांग्रेस से अलग होकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे उत्तर प्रदेश के ही दिग्गज नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह (VP Singh) ने ‘मंडल आयोग’ (Mandal Commission) की सिफारिशें लागू कर जातीय राजनीति (Caste Politics) को अलग दिशा दी. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी संगठन राम मंदिर आंदोलन (कमंडल) को तेज कर रहे थे. इस तरह की राजनीति ने भाजपा, जनता दल, समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) जैसे तमाम दलों को आगे बढ़ाया क्योंकि उनके एजेंडे स्पष्ट थे. लेकिन कांग्रेस (Congress) का नुकसान होता गया. कारण कि उसे समझ ही नहीं आया कि वह जाति की राजनीति करे, धर्म की या फिर अपनी तटस्थ छवि को मजबूत करे. उसने विचित्र दांव चले. जैसे उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र अपनी तत्कालीन गठबंधन सरकार से मुस्लिमों के लिए 4.5% आरक्षण घोषणा करा दी. लेकिन यह पासा उलटा पड़ गया.
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