शराब पीकर गाड़ी चलाने से हर साल 14000 रोड एक्सीडेंट, इस राज्य में होती हैं सबसे ज्यादा दुर्घटना

भीषण एक्सीडेंट का एक सीन. (File Photo)
जिन मैट्रोपोलिटन सिटी (Metro Cities) में वाहनों की संख्या सबसे ज़्यादा है, वहां इस तरह के रोड एक्सीडेंट (Road Accident) की संख्या न के बराबर है. दूसरी ओर देश में हर साल नशा कर गाड़ी चलाने (Drunken Drive) वालों की वजह से होने वाले एक्सीडेंट का नंबर 12 से 14000 तक है.
- News18Hindi
- Last Updated: September 17, 2020, 4:31 PM IST
नई दिल्ली. शराब (Liquor) या किसी भी तरह का नशा करके वाहन (Drink and Drive) न चलाएं, यह खतरनाक हो सकता है, सिर्फ यह बात समझाने के लिए सरकार जागरूकता अभियान पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर देती है. हालांकि ऐसा करने पर सजा और जुर्माना (Penalty) दोनों तरह की कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं. देश में हर साल 14 हज़ार से ज़्यादा रोड एक्सीडेंट (Road Accident) सिर्फ इसलिए हो जाते हैं कि वाहन चलाने वाले ने शराब पी रखी होती है.
हालांकि राहत वाली खबर यह है कि जिन मैट्रोपोलिटन सिटी में वाहनों की संख्या सबसे ज़्यादा है, वहां इस तरह के रोड एक्सीडेंट की संख्या न के बराबर है. दूसरी ओर देश में हर साल नशा कर गाड़ी चलाने (Drunken Drive) वालों की वजह से होने वाले एक्सीडेंट का नंबर 12 से लेकर 14000 तक है.
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पहले नंबर पर यूपी तो उसके बाद ओडिशा और आंध्र प्रदेश हैंशराब या दूसरी तरह का नशा करके वाहन चलाते वक्त एक्सीडेंट करने वालों में बीते 3 साल से यूपी के लोग पहले नंबर पर हैं. तीन साल से लगातार यूपी में यह आंकड़ा 3000 से ऊपर जा रहा है. 2019 में तो यह आंकड़ा 4500 के करीब पहुंच गया था. अकेले तीन साल में ही यूपी में इस तरह से 11.5 हज़ार से अधिक एक्सीडेंट हो चुके हैं. अगर ओडिशा की बात करें तो वहां पिछले 3 साल में करीब 4 हज़ार एक्सीडेंट सिर्फ शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुए हैं. आंध्र प्रदेश में एक्सीडेंट का यह आंकड़ा 2500 के लगभग है.

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चौंक जाएंगे दिल्ली-महाराष्ट्र के आंकड़े सुनकर
मेट्रो सिटी की बात करें तो जेहन में तेजी के साथ दिल्ली और मुंबई की सड़कें घूमने लगती हैं. सड़कों पर बेतहाशा दौड़ती गाड़ियां दिखाई देने लगती हैं. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने और रोड एक्सीडेंट करने वालों में दिल्ली और महाराष्ट्र का नंबर बहुत पीछे है.
दिल्ली की बात करें तो 3 साल में सिर्फ 675 के लगभग शराब पीकर रोड एक्सीडेंट करने के केस सामने आए हैं. वहीं महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 1350 के आसपास ही है. जबकि इन शहरों में वाहनों की संख्या देखकर हमे लगता है कि यहां पर इस तरह के केस ज़्यादा होते होंगे. लेकिन हकीकत यह नहीं है.
हालांकि राहत वाली खबर यह है कि जिन मैट्रोपोलिटन सिटी में वाहनों की संख्या सबसे ज़्यादा है, वहां इस तरह के रोड एक्सीडेंट की संख्या न के बराबर है. दूसरी ओर देश में हर साल नशा कर गाड़ी चलाने (Drunken Drive) वालों की वजह से होने वाले एक्सीडेंट का नंबर 12 से लेकर 14000 तक है.
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शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों से होने वाले एक्सीडेंट का यह है आंकड़ा.
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चौंक जाएंगे दिल्ली-महाराष्ट्र के आंकड़े सुनकर
मेट्रो सिटी की बात करें तो जेहन में तेजी के साथ दिल्ली और मुंबई की सड़कें घूमने लगती हैं. सड़कों पर बेतहाशा दौड़ती गाड़ियां दिखाई देने लगती हैं. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने और रोड एक्सीडेंट करने वालों में दिल्ली और महाराष्ट्र का नंबर बहुत पीछे है.
दिल्ली की बात करें तो 3 साल में सिर्फ 675 के लगभग शराब पीकर रोड एक्सीडेंट करने के केस सामने आए हैं. वहीं महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 1350 के आसपास ही है. जबकि इन शहरों में वाहनों की संख्या देखकर हमे लगता है कि यहां पर इस तरह के केस ज़्यादा होते होंगे. लेकिन हकीकत यह नहीं है.