होम /न्यूज /राष्ट्र /VIDEO: वंदे भारत एक्सप्रेस को मवेशियों की टक्कर से मिलेगा छुटकारा, ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग का काम शुरू

VIDEO: वंदे भारत एक्सप्रेस को मवेशियों की टक्कर से मिलेगा छुटकारा, ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग का काम शुरू

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें जिन रूट से गुजरती हैं, भारतीय रेलवे ने उन पर फेंसिंग का काम शुरू कर दिया है. (Photo: Twitter/@AshwiniVaishnaw)

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें जिन रूट से गुजरती हैं, भारतीय रेलवे ने उन पर फेंसिंग का काम शुरू कर दिया है. (Photo: Twitter/@AshwiniVaishnaw)

Vande Bharat Track Fencing: इंडियन रेलवे के मुताबिक सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद ट्रंक रूट पर मेटल बैरियर लगाने का काम शुरू ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें (Vande Bharat Express Trains) जिन रूट से गुजरती हैं, भारतीय रेलवे ने उन पर फेंसिंग (Track Fencing) का काम शुरू कर दिया है. यह फैसला वंदे भारत से मवेशियों के टकराने की लगातार हो रही घटनाओं से बचने के लिए लिया गया है. गत दिसंबर में मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस (Mumbai-Gandhinagar Vande Bharat) से एक सप्ता​ह के अंदर 3 बार मवेशियों का झुंड टकराया था. इसके बाद रेलवे ने ट्रैक के दोनों ओर बाड़ाबंदी करने की बात कही थी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए जानकारी दी कि वंदे भारत के रूट पर फेसिंग का काम शुरू हो गया है. उनके इस पोस्ट में वंदे भारत ट्रेन रेलवे ट्रैक से गुजरती हुई दिख रही है और ट्रैक के दोनों ओर मेटल फ्रेम की फेंसिंग की गई है.

इंडियन रेलवे के मुताबिक सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद ट्रंक रूट पर मेटल बैरियर लगाने का काम शुरू किया गया है. रेल मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि अगले साल मई तक मुंबई-अहमदाबाद रेल मार्ग पर फेंसिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा, ताकि जानवरों को ट्रैक पर आने से रोका जा सके. मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 30 सितंबर, 2022 को शुरू हुई थी. तबसे 4 बार यह ट्रेन मवेशियों से टकरा चुकी है. पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्रा ने चर्चगेट स्थित रेलवे जोन मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि 620 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर फेंसिंग लगाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य पर 264 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

Vande Bharat में स्लीपर कोच: बिजली की गति से दौड़ेगी, 400 नई हाइस्पीड ट्रेनें उतारने की तैयारी

पश्चिमी रेलवे की ओर से यह जानकारी दी गई है कि फेंसिंग कॉन्क्रीट की दीवारों से नहीं बनाई जा रही है, बल्कि ट्रैक के दोनों ओर मेटल बैरियर लगाया जा रहा है. ऐसी फेंसिंग नेशनल और स्टेट हाईवे के दोनों ओर किया जाता है. इनका उपयोग विशेष रूप से वहां किया जाता है, जहां पर दुर्घटना की संभावना अधिक होती है. रेलवे ने कहा है कि वंदे भारत ट्रेन के जिन रूट्स पर मवेशियों से टक्कर की घटनाएं अधिक हो रही हैं, उन ट्रैक्स की फेंसिंग का काम आने वाले 4 से 5 महीने के अंदर पूरा हो जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में अब तक 9 रूट्स पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है, और आने वाले महीनों में इन ट्रेनों की संख्या और बढ़ने वाली है.

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की ‘सच्चाई’, IAS ऑफिसर ने शेयर की हैरान करने वाली तस्वीर, भड़के नेटिजन्स

रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘चूंकि यह फेंस 2 डब्ल्यू-बीम से बना है, इसलिए असाधारण रूप से टिकाऊ है. डब्ल्यू-बीम टाइप फेंस चौड़े, मोटे फ्लैंग्स से बने होते हैं, जो बेंड प्रेशर का सामना करने में अधिक सक्षम होते हैं. इस प्रकार की बाड़ सड़कों और मोटरमार्गों पर उपयोग की जाती है, विशेष रूप से दुर्घटना-बाहुल्य क्षेत्रों में, जो गाड़ियों और लोगों दोनों की सुरक्षा के लिए होते हैं.’ रेल मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल मवेशी/मानव रन-ओवर दुर्घटनाओं के कारण पिछले साल की तुलना में अधिक ट्रेनें प्रभावति हुईं. अप्रैल से अक्टूबर 2022 तक केवल 6 महीनों में दर्ज की गई ट्रेन बाधा के मामलों की संख्या वित्त वर्ष 2021 में 2,115 से बढ़कर 2,650 हो गई.

Tags: Ashwini Vaishnaw, Vande bharat, Vande Bharat Trains

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें