जमानत के बाद अब वरवर राव को अस्पताल से मिली छुट्टी, वकील बोलीं - फ्री एट लास्ट

वरवर राव को अस्पताल से मिली छुट्टी. (pic- Twitter)
वरवर राव (Varavara rao) तबीयत खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद राव की वकील इंदिया जयसिंह ने उनकी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'फ्री एट लास्ट.'
- News18Hindi
- Last Updated: March 7, 2021, 8:42 AM IST
मुंबई. एल्गार परिषद मामले में आरोपी कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव (Varavara rao) को शनिवार की रात नानावती अस्पताल से छुट्टी मिल गई. बाम्बे हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को मेडिकल आधार पर 82 वर्षीय राव को छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी. बाद में राव ने अदालत से अनुरोध किया था कि जब तक उन्हें कोई जमानतदार नहीं मिल जाता है, उन्हें नकद मुचलका भरने की अनुमति दी जाए. अदालत ने उनकी यह अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली थी.
अदालत ने इससे पहले कहा था कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही राव को तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए. राव तबीयत खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल से उनको छुट्टी मिलने के बाद राव की वकील इंदिया जयसिंह ने उनकी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है, 'फ्री एट लास्ट.'
वरवरा राव को 2018 में गिरफ्तार किया गया था. वह तबसे जेल में ही रहे. 19 जुलाई 2020 को उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था. वह अपने स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल आते-जाते रहे. कोरोना संक्रमण होने के बाद उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्हें 30 जुलाई को छुट्टी दे दी गई थी और तजोला जेल में उन्हें शिफ्ट किया गया था.
पिछले साल नवंबर में कोर्ट के दखल के बाद उन्हें फिर नानावती अस्पताल में भर्ती किया गया था. राव और कुछ अन्य वामपंथी कार्यकर्ताओं को 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे जिले में एल्गर परिषद के सम्मेलन के बाद माओवादियों के साथ कथित संबंधों के आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया था.
अदालत ने इससे पहले कहा था कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही राव को तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए. राव तबीयत खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल से उनको छुट्टी मिलने के बाद राव की वकील इंदिया जयसिंह ने उनकी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है, 'फ्री एट लास्ट.'
वरवरा राव को 2018 में गिरफ्तार किया गया था. वह तबसे जेल में ही रहे. 19 जुलाई 2020 को उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था. वह अपने स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल आते-जाते रहे. कोरोना संक्रमण होने के बाद उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्हें 30 जुलाई को छुट्टी दे दी गई थी और तजोला जेल में उन्हें शिफ्ट किया गया था.