चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि हाल ही में हुए चुनावों में वीवीपैट और ईवीएम की गिनती में सटीक मिलान रहा. (Photo-News18)
नई दिल्ली. गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा चुनाव और सात उपचुनावों में पेपर ट्रेल मशीन की पर्चियों और ईवीएम (EVM) में पड़े मतों की गिनती के मिलान में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गयी है. निर्वाचन आयोग (Election Commission) के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि 2019 के बाद से, चुनाव में अधिक पारदर्शिता के लिए वीवीपैट (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) प्रति विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अथवा (लोकसभा सीट के मामले में खंड) के पांच यादृच्छिक (रैंडम) रूप से चयनित मतदान केंद्रों से ईवीएम गणना के साथ मिलान किया जाता है.
छह विधानसभा सीट पर उपचुनावों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के साथ आठ दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती की गई थी. सूत्रों ने बताया कि 2004 से अभी तक चार लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है, इन चुनावों के विविध परिणामों को सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अलावा विभिन्न उपचुनावों के विविध परिणाम चुनावों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी आचरण को दर्शाते हैं.
ईवीएम को लेकर किसी स्तर पर कोई शिकायत नहीं मिली
उन्होंने यह भी कहा कि 59,723 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान नहीं हुआ और न ही दोबारा मतगणना की मांग की गई. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर किसी स्तर पर कोई शिकायत नहीं मिली. सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात के सभी 250 निर्वाचन क्षेत्रों के मतगणना के किसी भी दौर में कोई शिकायत नहीं थी. जिन सीट के परिणामों में जीत का अंतर 1,000 वोटों से भी कम था, उन्हें भी उम्मीदवारों ने स्वीकार कर लिया. सूत्रों ने कहा कि बहुत कम अंतर वाली सीट – 500 से कम वोट – विभिन्न दलों के उम्मीदवारों द्वारा जीती गईं और पुनर्मतगणना की कोई मांग नहीं है.
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