वैक्सीन पर आरोप-प्रत्यारोप: केंद्र ने कहा-महाराष्ट्र ने 5 लाख डोज बर्बाद किए

वैक्सीन की कमी की खबरें कई राज्यों से आई हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने कहा है कि राज्य को और अधिक वैक्सीन डोज (Vaccine Dose) की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र 17 लाख डोज भेज रहा है कि लेकिन ये संख्या कम है क्योंकि हमें 40 लाख डोज की जरूरत है. लेकिन अब इसके जवाब में केंद्र सरकार (Central Government) ने कहा है कि महाराष्ट्र में वैक्सीन डोज बर्बाद किए जा रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: April 8, 2021, 6:54 PM IST
नई दिल्ली/मुंबई. कोरोना वैक्सीन की कमी (Shortage Of Covid Vaccine) को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप (War of words) का दौर शुरू हो गया है. सबसे पहले महाराष्ट्र की तरफ से बयान दिया गया कि तीन दिन के भीतर राज्य में वैक्सीन स्टॉक खत्म हो जाएगा. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि और अधिक वैक्सीन डोज की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र 17 लाख डोज भेज रहा है कि लेकिन ये संख्या कम है क्योंकि हमें 40 लाख डोज की जरूरत है. लेकिन अब इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र में वैक्सीन डोज बर्बाद किए जा रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'महाराष्ट्र के पास इस वक्त 23 लाख डोज मौजूद हैं जो पांच दिन के लिए पर्याप्त हैं. हर राज्य के पास तीन से चार दिन का स्टॉक है. ये राज्य की जिम्मेदारी है कि वो स्टॉक को जिलों तक पहुचाए. वास्तविकता में महाराष्ट्र ने पांच लाख डोज बर्बाद किए हैं.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ की खिंचाई
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कुछ राज्य सरकारों द्वारा 'सबको वैक्सीन देने' की मांग को गैर-जिम्मेदाराना बताया था. साथ ही उन्होंने कोरोना के खिलाफ सटीक कदम न उठाने के लिए कुछ राज्य सरकारों की खिंचाई भी की है. उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक यह है कि कुछ राज्य सरकारें कोरोना वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष निर्धारित करना चाहती हैं. केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन की मांग और आपूर्ति को लेकर राज्य सरकारों को लगातार पारदर्शी तरीके से जानकारी दी जाती रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार की कोरोना के खिलाफ उठाए कदमों की आलोचना की है.एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'हाल के दिनों में मैंने कई राज्य सरकारों से गैरजिम्मेदाराना बयान सुने हैं. अब चूंकि इन बयानों से आम जनता में भ्रम और पैनिक फैलेगा, इस वजह से जवाब देना जरूरी है. ऐसे वक्त में जब देश में कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं ऐसे में यह तथ्य बताना चाहता हूं कि कई राज्य सरकारें कोरोना के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाने में नाकाम रही हैं.'
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने कहा- 'ये महाराष्ट्र के लिए नफरत है'
डॉ. हर्ष वर्धन के खत को लेकर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने कहा है कि ये सिर्फ महाराष्ट्र के प्रति नफरत है. केंद्र सरकार का रवैया असहयोगात्मक है क्योंकि हमारी विचारधारा एक नहीं है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'महाराष्ट्र के पास इस वक्त 23 लाख डोज मौजूद हैं जो पांच दिन के लिए पर्याप्त हैं. हर राज्य के पास तीन से चार दिन का स्टॉक है. ये राज्य की जिम्मेदारी है कि वो स्टॉक को जिलों तक पहुचाए. वास्तविकता में महाराष्ट्र ने पांच लाख डोज बर्बाद किए हैं.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ की खिंचाई
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कुछ राज्य सरकारों द्वारा 'सबको वैक्सीन देने' की मांग को गैर-जिम्मेदाराना बताया था. साथ ही उन्होंने कोरोना के खिलाफ सटीक कदम न उठाने के लिए कुछ राज्य सरकारों की खिंचाई भी की है. उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक यह है कि कुछ राज्य सरकारें कोरोना वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष निर्धारित करना चाहती हैं. केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन की मांग और आपूर्ति को लेकर राज्य सरकारों को लगातार पारदर्शी तरीके से जानकारी दी जाती रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार की कोरोना के खिलाफ उठाए कदमों की आलोचना की है.एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'हाल के दिनों में मैंने कई राज्य सरकारों से गैरजिम्मेदाराना बयान सुने हैं. अब चूंकि इन बयानों से आम जनता में भ्रम और पैनिक फैलेगा, इस वजह से जवाब देना जरूरी है. ऐसे वक्त में जब देश में कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं ऐसे में यह तथ्य बताना चाहता हूं कि कई राज्य सरकारें कोरोना के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाने में नाकाम रही हैं.'
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने कहा- 'ये महाराष्ट्र के लिए नफरत है'
डॉ. हर्ष वर्धन के खत को लेकर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने कहा है कि ये सिर्फ महाराष्ट्र के प्रति नफरत है. केंद्र सरकार का रवैया असहयोगात्मक है क्योंकि हमारी विचारधारा एक नहीं है.