हम किसानों का सम्मान करते हैं, उनके साथ गलत करने वालों को जेल भेजेंगे: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 7 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर्स पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. (फोटो: PTI)
Farmers Protest: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) आश्चर्च जताते हैं कि विपक्षी दल और पंजाब के किसान ऐसे कानूनों के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उन्हें मंडी की बेड़ियों से आजाद कराएगा और वे अपना अनाज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: December 13, 2020, 8:35 PM IST
नई दिल्ली. किसान आंदोलनों (Farmers Protest) के बीच हो रहे कथित दूसरे प्रदर्शनों को लेकर सरकार सख्त हो गई है. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि किसान आंदोलन का फायदा उठा रही 'टुकड़े टुकड़े गैंग' (Tukde Tukde Gang) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि किसानों को प्रताड़ित करने वालों को सरकार जेल भेजेगी. प्रसाद बिहार के टेकबीघा गांव में तीन कृषि कानूनों के समर्थन में बीजेपी के राज्य स्तरीय किसान चौपाल सम्मेलन में बोल रहे थे. खास बात है कि कुछ दिनों पहले टिकरी बॉर्डर पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग करते कुछ लोगों की तस्वीरें वायरल हुईं थीं.
किसानों का सम्मान करते हैं लेकिन...
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'वे (किसान) कहते हैं कि हम अपना आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते. हम यह कहना चाहेंगे कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों का सम्मान करती है, लेकिन यह साफ करते हैं कि किसान आंदोलन का फायदा उठा रही 'टुकड़े टुकड़े' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई उठाई जाएगी.' प्रसाद ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि कौन है वे लोग, जो देश तोड़ने की भाषा बोल रहे हैं. अब मांग उठने लगी है उन कथित बुद्धिजीवियों को रिहा करने की, जो दिल्ली और महाराष्ट्र में हुई हिंसा में शामिल थे.'
कानून मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि सामाजिक कार्यकर्ता सुनवाई से पहले रिहा नहीं होंगे. उन्होंने कहा, 'पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी है, वे कोर्ट से जमानत नहीं पा सकेंगे क्योंकि सुनवाई चल रहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'अब इन लोगों ने अपने हितों के लिए किसान आंदोलन में शरण ली है, लेकिन हम उन्हें उनके मकसद में कामयाब नहीं होने देंगे.' इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर भी किसानों को वामपंथियों और माओवादियों (Maoist) से सतर्क रहने की बात कह चुके हैं.केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दावा किया था कि कुछ वामपंथी और माओवादियों ने किसान आंदोलनों पर नियंत्रण कर लिया है. उन्होंने आरोप लगाए थे कि वे किसान मुद्दों पर बात करने के बजाए वे दूसरा एजेंडा चला रहे हैं.
किसानों के साथ खड़ी है सरकार
उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत कोई भी कंपनी किसानों की जमीनों को न बेच सकती है, न लीज पर ले सकती है और न ही गिरवी रख सकती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनियां किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज और तकनीक देंगी. इसके अलावा कंपनियां उनके उत्पादों को खरीदेंगी और आखिर में किसानों को घर बैठे ज्यादा फायदा मिलेगा. प्रसाद ने किसानों की मदद का वादा भी किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी कंपनी किसानों के साथ किसी तरह कि अनियमितता करती है या परेशान करती है, तो केंद्र और नीतीश कुमार सरकार उनके साथ मजबूी से खड़ी है. हम किसानों के साथ गलत करने वालों को जेल भेजेंगे.
सितंबर में सामने आए इन कृषि कानूनों (Farm Laws) के जरिए सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव किए थे. इन बदलावों के तहत बिचौलियों को हटाकर किसान देश में कहीं भी अपना अनाज बेच सकते हैं. हालांकि, किसानों का मानना है कि नए कानून एमएसपी को प्रभावित करेंगे और बड़े उन्हें बड़े उद्योगों की दया पर छोड़ देंगे. जबकि, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि मंडी व्यवस्था और एमसपी जारी रहेगी.

प्रसाद ने इस बात पर जोर देकर कहा कि तीन कृषि कानून किसानों की मदद के लिए तैयार किए गए हैं. खासतौर से छोटे और हाशिए पर मौजूद किसानों की. कानून मंत्री आश्चर्च जताते हैं कि विपक्षी दल और पंजाब के किसान ऐसे कानूनों के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उन्हें मंडी की बेड़ियों से आजाद कराएगा और वे अपना अनाज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
किसानों का सम्मान करते हैं लेकिन...
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'वे (किसान) कहते हैं कि हम अपना आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते. हम यह कहना चाहेंगे कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों का सम्मान करती है, लेकिन यह साफ करते हैं कि किसान आंदोलन का फायदा उठा रही 'टुकड़े टुकड़े' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई उठाई जाएगी.' प्रसाद ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि कौन है वे लोग, जो देश तोड़ने की भाषा बोल रहे हैं. अब मांग उठने लगी है उन कथित बुद्धिजीवियों को रिहा करने की, जो दिल्ली और महाराष्ट्र में हुई हिंसा में शामिल थे.'
कानून मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि सामाजिक कार्यकर्ता सुनवाई से पहले रिहा नहीं होंगे. उन्होंने कहा, 'पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी है, वे कोर्ट से जमानत नहीं पा सकेंगे क्योंकि सुनवाई चल रहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'अब इन लोगों ने अपने हितों के लिए किसान आंदोलन में शरण ली है, लेकिन हम उन्हें उनके मकसद में कामयाब नहीं होने देंगे.' इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर भी किसानों को वामपंथियों और माओवादियों (Maoist) से सतर्क रहने की बात कह चुके हैं.केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दावा किया था कि कुछ वामपंथी और माओवादियों ने किसान आंदोलनों पर नियंत्रण कर लिया है. उन्होंने आरोप लगाए थे कि वे किसान मुद्दों पर बात करने के बजाए वे दूसरा एजेंडा चला रहे हैं.
किसानों के साथ खड़ी है सरकार
उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत कोई भी कंपनी किसानों की जमीनों को न बेच सकती है, न लीज पर ले सकती है और न ही गिरवी रख सकती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनियां किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज और तकनीक देंगी. इसके अलावा कंपनियां उनके उत्पादों को खरीदेंगी और आखिर में किसानों को घर बैठे ज्यादा फायदा मिलेगा. प्रसाद ने किसानों की मदद का वादा भी किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी कंपनी किसानों के साथ किसी तरह कि अनियमितता करती है या परेशान करती है, तो केंद्र और नीतीश कुमार सरकार उनके साथ मजबूी से खड़ी है. हम किसानों के साथ गलत करने वालों को जेल भेजेंगे.
सितंबर में सामने आए इन कृषि कानूनों (Farm Laws) के जरिए सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव किए थे. इन बदलावों के तहत बिचौलियों को हटाकर किसान देश में कहीं भी अपना अनाज बेच सकते हैं. हालांकि, किसानों का मानना है कि नए कानून एमएसपी को प्रभावित करेंगे और बड़े उन्हें बड़े उद्योगों की दया पर छोड़ देंगे. जबकि, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि मंडी व्यवस्था और एमसपी जारी रहेगी.
प्रसाद ने इस बात पर जोर देकर कहा कि तीन कृषि कानून किसानों की मदद के लिए तैयार किए गए हैं. खासतौर से छोटे और हाशिए पर मौजूद किसानों की. कानून मंत्री आश्चर्च जताते हैं कि विपक्षी दल और पंजाब के किसान ऐसे कानूनों के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उन्हें मंडी की बेड़ियों से आजाद कराएगा और वे अपना अनाज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.