हथिनी मौत विवाद के बीच केरल साइबर वॉरियर्स ने की मेनका गांधी की वेबसाइट हैक, लिखी ये बातें

वेबसाइट को हैक करके इस पर मेनका गांधी के लिए एक मैसेज भी लिखा गया है.
पीपुल्स फॉर एनिमल्स (पीएफए) की आधिकारिक वेबसाइट, बीजेपी सांसद मेनका गांधी द्वारा स्थापित एक पशु अधिकार एनजीओ की है. इसे केरल साइबर वारियर्स (Kerala Cyber Warriors) नाम के ग्रुप ने हैक किया था.
- News18Hindi
- Last Updated: June 5, 2020, 4:28 PM IST
नई दिल्ली. केरल (Kerala) में गर्भवती हथिनी की मौत (Pregnant Elephant death) के विवाद पर मेनका गांधी (Maneka Gandhi) की टिप्पणी के बाद उनकी वेबसाइट पीपुल्स फॉर एनिमल्स (People for Animals) हैक हो गई है. इस वेबसाइट (Website) को केरल साइबर वारियर्स (Kerala Cyber Warriors) नाम के ग्रुप ने हैक किया. कथित तौर पर केरल में हथिनी की मौत के मामले में मेनका गांधी की टिप्पणी पर उनकी वेबसाइट को निशाना बनाया गया है.
वेबसाइट को हैक करते हुए पीएफए के पेज पर मेनका गांधी के लिए एक मैसेज भी पोस्ट किया है. वेबसाइट को हैक करके लिखा गया है, 'मेनका गांधी ने गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत को गंदी राजनीति में खींचा है.' बता दें कि पीपुल्स फॉर एनिमल्स (पीएफए) की आधिकारिक वेबसाइट, बीजेपी सांसद मेनका गांधी द्वारा स्थापित एक पशु अधिकार एनजीओ की है.
गलत जानकारी फैलाना गलत है
मैसेज में आगे लिखा गया है, 'आपका एजेंडा स्पष्ट है, जानवरों के लिए प्यार मुसलमानों के लिए नफरत से जुड़ा हुआ है. किसी व्यक्ति द्वारा विशेष रूप से एक भूतपूर्व मंत्री और एक लोकसभा सदस्य द्वारा गलत जानकारी फैलाना राष्ट्र के लिए वास्तविक खतरा है और स्वीकार्य नहीं है. मल्लपुरम में हिंदू और मुस्लिम के बीच का रिश्ता मजबूत है.'क्या कहा था मेनका गांधी ने?
केरल में गर्भवती हथिनी की मौत के बाद मेनका गांधी ने कहा था, केरल में सरकार और वन्यजीव विभाग के साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता है. वे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. लगभग 600 हाथियों को मंदिरों द्वारा उनके पैरों को तोड़कर, उनकी पिटाई और भूख से मरना और अन्यथा निजी मालिकों द्वारा उनका बीमा करके उन्हें मारना और फिर जानबूझकर उन्हें डूबाना या उन पर जंग लगा नाखून देकर गैंगरीन कर देना है. मैं लगभग हर हफ्ते विभाग से एक हाथी या दूसरे के बारे में बात करती हूं और वे बिल्कुल कुछ नहीं करते हैं. वर्तमान में एक युवा हाथी है जिसे एक मंदिर में पीटा जा रहा है और उसके पैरों को फैलाकर चार दिशाओं में जमीन से बांध दिया गया है. मुझे शिकायत किए हुए एक महीना हो चुका है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वह भी जल्द ही मर जाएगा. मल्लपुरम अपनी गहन आपराधिक गतिविधि के लिए विशेष रूप से जानवरों के संबंध में जाना जाता है. एक भी शिकारी या वन्यजीव हत्यारे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वे ऐसा करते रहते हैं. मैं केवल सुझाव दे सकती हूं. आप भी उनको कॉल अथवा ईमेल के माध्यम से कार्यवाई के लिए कहें.'
क्या है पूरा मामला?
केरल के मल्लपुरम में एक गर्भवती हथिनी की पानी में खड़े-खड़े मौत हो गई थी. मामला संज्ञान में तब आया, जब केरल के एक अधिकारी ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई थी. हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी ने उसे पटाखे से भरा अनानास खिला दिया था, जिससे उसका मुंह फट गया था.
ये भी पढ़ेंः- मेनका गांधी का बड़ा बयान, ‘केरल के मंदिरों में पैर तोड़कर मारे जा रहे हैं हाथी’
वेबसाइट को हैक करते हुए पीएफए के पेज पर मेनका गांधी के लिए एक मैसेज भी पोस्ट किया है. वेबसाइट को हैक करके लिखा गया है, 'मेनका गांधी ने गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत को गंदी राजनीति में खींचा है.' बता दें कि पीपुल्स फॉर एनिमल्स (पीएफए) की आधिकारिक वेबसाइट, बीजेपी सांसद मेनका गांधी द्वारा स्थापित एक पशु अधिकार एनजीओ की है.
गलत जानकारी फैलाना गलत है
मैसेज में आगे लिखा गया है, 'आपका एजेंडा स्पष्ट है, जानवरों के लिए प्यार मुसलमानों के लिए नफरत से जुड़ा हुआ है. किसी व्यक्ति द्वारा विशेष रूप से एक भूतपूर्व मंत्री और एक लोकसभा सदस्य द्वारा गलत जानकारी फैलाना राष्ट्र के लिए वास्तविक खतरा है और स्वीकार्य नहीं है. मल्लपुरम में हिंदू और मुस्लिम के बीच का रिश्ता मजबूत है.'क्या कहा था मेनका गांधी ने?
केरल में गर्भवती हथिनी की मौत के बाद मेनका गांधी ने कहा था, केरल में सरकार और वन्यजीव विभाग के साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता है. वे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. लगभग 600 हाथियों को मंदिरों द्वारा उनके पैरों को तोड़कर, उनकी पिटाई और भूख से मरना और अन्यथा निजी मालिकों द्वारा उनका बीमा करके उन्हें मारना और फिर जानबूझकर उन्हें डूबाना या उन पर जंग लगा नाखून देकर गैंगरीन कर देना है. मैं लगभग हर हफ्ते विभाग से एक हाथी या दूसरे के बारे में बात करती हूं और वे बिल्कुल कुछ नहीं करते हैं. वर्तमान में एक युवा हाथी है जिसे एक मंदिर में पीटा जा रहा है और उसके पैरों को फैलाकर चार दिशाओं में जमीन से बांध दिया गया है. मुझे शिकायत किए हुए एक महीना हो चुका है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वह भी जल्द ही मर जाएगा. मल्लपुरम अपनी गहन आपराधिक गतिविधि के लिए विशेष रूप से जानवरों के संबंध में जाना जाता है. एक भी शिकारी या वन्यजीव हत्यारे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वे ऐसा करते रहते हैं. मैं केवल सुझाव दे सकती हूं. आप भी उनको कॉल अथवा ईमेल के माध्यम से कार्यवाई के लिए कहें.'
क्या है पूरा मामला?
केरल के मल्लपुरम में एक गर्भवती हथिनी की पानी में खड़े-खड़े मौत हो गई थी. मामला संज्ञान में तब आया, जब केरल के एक अधिकारी ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई थी. हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी ने उसे पटाखे से भरा अनानास खिला दिया था, जिससे उसका मुंह फट गया था.
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