West Bengal election: पहले चरण के लिए बंगाल में प्रचार थमा, TMC को सत्ता से हटाने के लिए PM ने खुद लगाया जोर

नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी (PTI)
West Bengal Assembly election 2021: पश्चिम बंगाल में पहले चरण की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया. इन सीटों पर 27 मार्च को मतदान होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: March 26, 2021, 7:38 AM IST
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पहले चरण की 30 विधानसभा (West Bengal election 2021) सीटों पर चुनाव प्रचार गुरुवार को शाम पांच बजे थम गया. इन सीटों पर 27 मार्च को मतदान होगा. पहले चरण की 30 सीटें आदिवासी बहुल पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पूर्वी मेदिनीपुर (भाग 1) और पूर्वी मेदिनीपुर (भाग 2) जिलों में फैली हुई हैं. इन क्षेत्रों को एक समय वाम दलों के प्रभाव वाला माना जाता था.
इन सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरती दिख रही भाजपा के बड़े नेताओं ने पुरुलिया, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में रैलियों को संबोधित किया और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने के लिए वास्तविक बदलाव लाने का वादा किया. पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल रहे.
भाजपा वर्तमान में भारत के 28 राज्यों के बड़े हिस्से को नियंत्रित करती है, जिसमें से कई में वह सहयोगी हैं. हालांकि इसे पश्चिम बंगाल में कभी सत्ता नहीं मिली. यहां की 9करोड़ की आबादी इसे चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाली राज्य बनाती है. राजनीतिक विश्लेषक निलांजन मुखोपाध्याय ने कहा, "बंगाल में जीत का मतलब होगा कि भाजपा अपने 'एक राष्ट्र, एक पार्टी की महत्वाकांक्षा के करीब हैं.
राज्यसभा में बेहतर स्थिति में आ सकती है बीजेपीराजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्यों में चुनाव जीत कर भाजपा की स्थिति राज्यसभा में भी ठीक हो जाएगी. निचले सदन में उसके पास पहले से ही बहुमत है. राज्यसभा में बेहतर स्थिति में आने पर वह अपने दम पर भी कोई विधेयक पास करा सकती है.
मुखोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत सरकार के हाल के कदमों के खिलाफ राजनीतिक विरोध को कमजोर कर सकती है, जिसमें नए कृषि कानूनों पर किसानों का आंदोलन शामिल है. उन्होंने कहा 'यह महामारी के दौरान मोदी की राजनीति और नीतियों का समर्थन होगा.'
ममता से सामना आसान नहीं!
हालांकि बीजेपी का सामना कठिन प्रतिद्वंद्वी बनर्जी से है जो हाल ही में एक दुर्घटना के बाद व्हील-चेयर से चुनाव प्रचार कर रही हैं. बनर्जी ने अपनी सार्वजनिक रैलियों में कहा, 'व्यक्तिगत उम्मीदवारों को मत देखो, मेरे लिए अपना वोट डालो.' 30 साल से अधिक समय तक राज्य में शासन करने वाले कम्युनिस्टों को सत्ता से बेदखल करने पर उनकी पार्टी सत्ता में आई थी.
राज्य के सत्ताधारी दल के खिलाफ तेजी से बढ़त बनाने के बावजूद, ओपिनियन पोल्स में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर का दावा किया जा रहा है.

हाल ही में भाजपा में शामिल हुए टीएमसी के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री में विश्वास है. आप जो भी हैं, हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई, आप नौकरी चाहते हैं.' टीएमसी सांसद , महुआ मोइत्रा ने कहा कि पार्टी के पास भाजपा के संसाधनों का केवल दसवां हिस्सा है, लेकिन उनकी पार्टी ट्रैक रिकॉर्ड और जमीनी स्तर पर संगठन पर निर्भर है. मोइत्रा ने कहा, 'पिछले 10 वर्षों से जमीन पर विकास कार्यों को लेकर कोई दो राय नहीं है.'
इन सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरती दिख रही भाजपा के बड़े नेताओं ने पुरुलिया, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में रैलियों को संबोधित किया और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने के लिए वास्तविक बदलाव लाने का वादा किया. पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल रहे.
भाजपा वर्तमान में भारत के 28 राज्यों के बड़े हिस्से को नियंत्रित करती है, जिसमें से कई में वह सहयोगी हैं. हालांकि इसे पश्चिम बंगाल में कभी सत्ता नहीं मिली. यहां की 9करोड़ की आबादी इसे चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाली राज्य बनाती है. राजनीतिक विश्लेषक निलांजन मुखोपाध्याय ने कहा, "बंगाल में जीत का मतलब होगा कि भाजपा अपने 'एक राष्ट्र, एक पार्टी की महत्वाकांक्षा के करीब हैं.
मुखोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत सरकार के हाल के कदमों के खिलाफ राजनीतिक विरोध को कमजोर कर सकती है, जिसमें नए कृषि कानूनों पर किसानों का आंदोलन शामिल है. उन्होंने कहा 'यह महामारी के दौरान मोदी की राजनीति और नीतियों का समर्थन होगा.'
ममता से सामना आसान नहीं!
हालांकि बीजेपी का सामना कठिन प्रतिद्वंद्वी बनर्जी से है जो हाल ही में एक दुर्घटना के बाद व्हील-चेयर से चुनाव प्रचार कर रही हैं. बनर्जी ने अपनी सार्वजनिक रैलियों में कहा, 'व्यक्तिगत उम्मीदवारों को मत देखो, मेरे लिए अपना वोट डालो.' 30 साल से अधिक समय तक राज्य में शासन करने वाले कम्युनिस्टों को सत्ता से बेदखल करने पर उनकी पार्टी सत्ता में आई थी.
राज्य के सत्ताधारी दल के खिलाफ तेजी से बढ़त बनाने के बावजूद, ओपिनियन पोल्स में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर का दावा किया जा रहा है.
हाल ही में भाजपा में शामिल हुए टीएमसी के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री में विश्वास है. आप जो भी हैं, हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई, आप नौकरी चाहते हैं.' टीएमसी सांसद , महुआ मोइत्रा ने कहा कि पार्टी के पास भाजपा के संसाधनों का केवल दसवां हिस्सा है, लेकिन उनकी पार्टी ट्रैक रिकॉर्ड और जमीनी स्तर पर संगठन पर निर्भर है. मोइत्रा ने कहा, 'पिछले 10 वर्षों से जमीन पर विकास कार्यों को लेकर कोई दो राय नहीं है.'