बंगालः चुनाव आयोग से मिला बीजेपी प्रतिनिधिमंडल, तत्काल आचार संहिता लगाने की मांग

बीजेपी नेता पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे थे. फाइल फोटो
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के काफिले पर हमले के बाद स्वप्न दासगुप्ता की अगुआई में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा था, जिसने राज्य में तत्काल आचार संहिता लगाने के साथ अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की.
- News18Hindi
- Last Updated: December 15, 2020, 8:05 PM IST
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) अभी तीन-चार महीने दूर हैं, लेकिन राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों की लड़ाई चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंच गई है. बीजेपी सांसद स्वप्न दासगुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को बीजेपी का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला और ममता सरकार (Mamata Government) की शिकायत की. प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल के मौजूदा हालात का हवाला देकर राज्य में तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लगाने की मांग की. बीजेपी नेताओं ने राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ, मतदाता सूची में गड़बड़ी और सीमावर्ती इलाकों में अधिक नए नाम जोड़े जाने पर सवाल खड़ा किया.
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल (BJP delegation) ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि मतदाता सूची में बंगाल सरकार के कर्मचारी फेडरेशन के लोगों को न लगाया जाए. बीजेपी नेता पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे थे. 10 दिसंबर को बंगाल के दौरे पर गए जेपी नड्डा के काफिले पर पत्थरबाजी हुई थी, जिससे माहौल काफी बिगड़ गया था. बंगाल में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन के नेतृत्व में एक टीम 17 दिसंबर से राज्य के दौरे पर जाएगी.
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को मंगलवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा दी गई जिसके बाद टीएमसी में हड़कंप मच गया है. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि अधिकारी अगले कुछ दिनों में बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. साथ ही खबर है कि 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह मिदनापुर के दौरे पर हैं, जहां अधिकारी शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होंगे.
अधिकारी से पहले टीएमसी के और दिग्गज नेता रहे मुकुल रॉय (Mukul Roy) एक समय ममता बनर्जी का दाहिना हाथ माने जाते थे. मुकुल रॉय 2017 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. टीएमसी में रहने के दौरान उन्होंने भी 2006 के सिंगूर आंदोलन में भाग लिया था. अधिकारी भी इस आंदोलन की अगुआई करने वालों में से एक थे. अधिकारी पर टीएमसी ने कहा कि उनका अध्याय बंद हो चुका है और पार्टी अब उन्हें वापस लाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी.
सूत्रों के अनुसार टीएमसी आलाकमान ने अधिकारी को पार्टी में रहने के लिए मनाने और उनकी शिकायतें सुनने के लिए आगे कोई पहल नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कुछ कहना चाहते हैं तो वह उनकी बात सुनने के लिए तैयार है.

टीएमसी और अधिकारी के बीच सुलह कराने का काम कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा सांसद सौगत राय ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि टीएमसी एक बहुत बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास ममता बनर्जी जैसा जन नेता है. अगर एक या दो लोग पार्टी छोड़ देते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल (BJP delegation) ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि मतदाता सूची में बंगाल सरकार के कर्मचारी फेडरेशन के लोगों को न लगाया जाए. बीजेपी नेता पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे थे. 10 दिसंबर को बंगाल के दौरे पर गए जेपी नड्डा के काफिले पर पत्थरबाजी हुई थी, जिससे माहौल काफी बिगड़ गया था. बंगाल में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन के नेतृत्व में एक टीम 17 दिसंबर से राज्य के दौरे पर जाएगी.
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को मंगलवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा दी गई जिसके बाद टीएमसी में हड़कंप मच गया है. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि अधिकारी अगले कुछ दिनों में बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. साथ ही खबर है कि 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह मिदनापुर के दौरे पर हैं, जहां अधिकारी शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होंगे.
अधिकारी से पहले टीएमसी के और दिग्गज नेता रहे मुकुल रॉय (Mukul Roy) एक समय ममता बनर्जी का दाहिना हाथ माने जाते थे. मुकुल रॉय 2017 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. टीएमसी में रहने के दौरान उन्होंने भी 2006 के सिंगूर आंदोलन में भाग लिया था. अधिकारी भी इस आंदोलन की अगुआई करने वालों में से एक थे. अधिकारी पर टीएमसी ने कहा कि उनका अध्याय बंद हो चुका है और पार्टी अब उन्हें वापस लाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी.
A delegation of West Bengal Bharatiya Janata Party (BJP) leaders led by Rajya Sabha MP Swapan Dasgupta writes to Election Commission to conduct impartial polls and requests, "early deployment of Central Police Forces (CPF)." pic.twitter.com/nEj4dG60zK
— ANI (@ANI) December 15, 2020
सूत्रों के अनुसार टीएमसी आलाकमान ने अधिकारी को पार्टी में रहने के लिए मनाने और उनकी शिकायतें सुनने के लिए आगे कोई पहल नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कुछ कहना चाहते हैं तो वह उनकी बात सुनने के लिए तैयार है.
टीएमसी और अधिकारी के बीच सुलह कराने का काम कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा सांसद सौगत राय ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि टीएमसी एक बहुत बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास ममता बनर्जी जैसा जन नेता है. अगर एक या दो लोग पार्टी छोड़ देते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा.