पश्चिम बंगाल: थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे BJP कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लाठी से पीटा

बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटती पुलिस.
बीजेपी (BJP) ने आरोप है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नॉर्थ 24 परगना के खरदा पुलिस स्टेशन पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा है. बीजेपी के सभासद और तीन नेताओं को थाने के अंदर पीटा गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 24, 2020, 10:48 AM IST
कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Election) से पहले बीजेपी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच एक दूसरे पर आरोप लगाने का दौर तेज हो गया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बंगाल पुलिस पर पिटाई करने का आरोप लगाया है. आरोप है कि नॉर्थ 24 परगना के खरदा पुलिस स्टेशन पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा है. यही नहीं बीजेपी सांसद का कहना है कि बीजेपी के सभासद और तीन नेताओं को थाने के अंदर पीटा गया है.
पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच कई बार टकराव की स्थिति बन चुकी है. खबर है कि बीजेपी कार्यकर्ता के घर पर एक कार्यक्रम चल रहा था तभी पुलिस ने बीजेपी के सभासद को हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. इस बात से बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया.
बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है. ममता बनर्जी की पुलिस तालिबानी शासन चला रही हैं.बीजेपी सांसद ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के हंगामा करने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस घटना में बीजेपी के सभासद और कई नेताओं की पिटाई की गई.

इसे भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल विस चुनाव 2021: 5 क्षेत्रीय पार्टियों ने मिलाया बीजेपी से हाथ, ममता के लिए बदलेंगे समीकरण!
हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
राजनीतिक हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से आमने-सामने हैं. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधती रही है. पिछले दिनों जब बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर बंगाल में हमला हुआ तो ये लड़ाई और बढ़ गई. अब चुनाव से पहले हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. बंगाल में चुनाव से पहले हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका कर्ता ने विपक्षी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग है. वकील विनीत ढांडा ने ये याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने राज्य में हुई कार्यकर्ताओं की हत्या पर राज्य सरकार से रिपोर्ट लेने की भी मांग है. चुनाव में अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति, फ़र्ज़ी मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटाने की मांग भी की है. इससे पहले उन्होंने राफेल सौदे और दिशा सालियान मौत पर भी सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी.
पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच कई बार टकराव की स्थिति बन चुकी है. खबर है कि बीजेपी कार्यकर्ता के घर पर एक कार्यक्रम चल रहा था तभी पुलिस ने बीजेपी के सभासद को हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. इस बात से बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया.
West Bengal: Several Bharatiya Janata Party (BJP) workers including women were injured after they were lathi-charged by Police while protesting outside Khardah Police Station, earlier today.
"Law & order situation has collapsed in the state," says, Arjun Singh, BJP MP. pic.twitter.com/cihSiEKge5— ANI (@ANI) December 23, 2020
बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है. ममता बनर्जी की पुलिस तालिबानी शासन चला रही हैं.बीजेपी सांसद ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के हंगामा करने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस घटना में बीजेपी के सभासद और कई नेताओं की पिटाई की गई.
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हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
राजनीतिक हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से आमने-सामने हैं. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधती रही है. पिछले दिनों जब बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर बंगाल में हमला हुआ तो ये लड़ाई और बढ़ गई. अब चुनाव से पहले हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. बंगाल में चुनाव से पहले हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका कर्ता ने विपक्षी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग है. वकील विनीत ढांडा ने ये याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने राज्य में हुई कार्यकर्ताओं की हत्या पर राज्य सरकार से रिपोर्ट लेने की भी मांग है. चुनाव में अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति, फ़र्ज़ी मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटाने की मांग भी की है. इससे पहले उन्होंने राफेल सौदे और दिशा सालियान मौत पर भी सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी.