ममता बनर्जी पर चुनाव आयोग कर सकता है कार्रवाई, नंदीग्राम में लगाए आरोपों को बताया गलत

ममता बनर्जी के आरोप चुनाव आयोग ने माने गलत. (File pic)
West Bengal Elections 2021: नंदीग्राम में 1 अप्रैल को दूसरे चरण के तहत मतदान हुआ था. वहां के एक मतदान केंद्र के बाहर ममता बनर्जी ने कहा था, 'सीआरपीएफ, बीएसएफ केवल बीजेपी की मदद कर रहे हैं.'
- News18Hindi
- Last Updated: April 4, 2021, 1:47 PM IST
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल (West Bengal Elections) में 1 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के मतदान के दौरान नंदीग्राम (Nandigram) में छिटपुट हिंसा देखने को मिली थी. इस सीट से चुनाव लड़ रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया था कि वहां सुरक्षाबल मतदान के दौरान बीजेपी की मदद कर रहे थे. इस मुद्दे को लेकर वह चुनाव आयोग (Election Commission) तक गई थीं. अब चुनाव आयोग ने सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली है. चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को गलत माना है. कहा जा रहा है कि अब चुनाव आयोग इस मामले को लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी कर सकता है.
चुनाव आयोग का कहना है कि यह दुखद है कि ममता बनर्जी की ओर से मीडिया में इन आरोपों को लेकर अवधारणा बनाई गई. मुख्यमंत्री की ओर से मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया. यह जानबूझकर किया गया कार्य है. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि वहां तैनात सुरक्षाबलों ने मतदाताओं को मतदान करने से रोका या उनका व्यवहार असामान्य था.
चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि पर्यवेक्षकों ने बूथ का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पाया कि वहां मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी. चुनाव आयोग ने उस दौरान शिकायतकर्ता को भी बुलाया था लेकिन उसने आने से मना कर दिया था.
चुनाव आयोग के अनुसार पर्यवेक्षकों ने अपनी जांच रिपोर्ट में बंदूक, गुंडे या बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं का जिक्र नहीं किया है. आयोग का कहना है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं. अब चुनाव आयोग जरूरी कार्रवाई को लेकर विचार कर रहा है. बता दें कि नंदीग्राम में एक मतदान केंद्र के बाहर ममता बनर्जी ने कहा था, 'सीआरपीएफ, बीएसएफ केवल भाजपा की मदद कर रहे हैं.'
चुनाव आयोग का कहना है कि यह दुखद है कि ममता बनर्जी की ओर से मीडिया में इन आरोपों को लेकर अवधारणा बनाई गई. मुख्यमंत्री की ओर से मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया. यह जानबूझकर किया गया कार्य है. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि वहां तैनात सुरक्षाबलों ने मतदाताओं को मतदान करने से रोका या उनका व्यवहार असामान्य था.
चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि पर्यवेक्षकों ने बूथ का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पाया कि वहां मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी. चुनाव आयोग ने उस दौरान शिकायतकर्ता को भी बुलाया था लेकिन उसने आने से मना कर दिया था.