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दुनिया के 37% लोगों को 'कड़वी' लग रही चीनी की मिठास, कंपनियां खोज रहीं नए रास्ते

दुनिया भर में चीनी के विकल्प खोजे जाने पर जोर दिया जा रहा है. (Photo by Lena Myzovets on Unsplash)

दुनिया भर में चीनी के विकल्प खोजे जाने पर जोर दिया जा रहा है. (Photo by Lena Myzovets on Unsplash)

Sugar In Body: कंपनियां अब एल्यूलोज, इनक्रेडो और सपप्लांट पर भी जोर दे रही है. इनकी खासियत यह है कि ये शरीर में ग्लूकोज ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. दुनिया के करीब 37 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें अपने रोजमर्रा के भोजन में कम चीनी (Sugar) की जरूरत है. ऐसे में बड़ी कंपनियां इसके विकल्प खोजने में जुट गई हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोग चीनी के अधिक इस्तेमाल से बच रहे हैं. मार्केट रिसर्च फर्म यूरोमॉनिटर ने एक सर्वे में कहा है कि लोग डायबिटीज, मोटापा और दिल की बीमारियों के प्रति जागरूक हो रहे हैं, लेकिन उनके पास चीनी का विकल्प नहीं है. रिपोर्ट में एक अन्य स्टडी के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका में खाद्य पदार्थों में 60% से अधिक वस्तुओं में चीनी होती है. अगर कोई पूरी तरह से चीनी छोड़ना चाहते तब भी यह उसके लिए संभव नहीं है. इन सबके बावजूद लोग शहद, गुड़ के अलावा मेपल सीरप, खजूर, कोकोनट शुगर, स्टीविया एक्सट्रैक्ट और सिंथेटिक स्वीटनर सरीखे विकल्पों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

    इन सबके साथ ही अब एल्यूलोज, इनक्रेडो और सपप्लांट  पर भी कंपनियां जोर दे रही हैं.  इनकी खासियत यह है कि ये शरीर में ग्लूकोज का स्तर नहीं बढ़ने देते हैं. इसके साथ ही इसमें मिठास और कैलोरी चीनी के मुकाबले कम होती है, लेकिन अभी तक इसके असर पर स्टडी नहीं हुई है. किताब ? ?हाउ नाट टू? के लेखक डॉक्टक माइकल ग्रेगर ने कहा कि अभी इनके असर पर अध्य्यन नहीं हुआ है. वहीं कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डॉ. लस्टिग ने सलाह दी कि इन विकल्पों पर विचार करने से बेहतर है कि चीनी छोड़ ही दी जाए.

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    तीन नए विकल्पों में क्या है खास?
    रिपोर्ट के अनुसार उधर जिन तीन नए विकल्पों पर कंपनियां विचार कर रही हैं उसमें से एक एल्यूलोज गेंहू में पाया जाता है. इसमें चीनी के मुकाबले एक तिहाई मिठास और 10 गुना कम कैलोरी होती है. इसमें बैक्टीरिया भी नहीं होते. ऐसे में दांतों में कीड़ा लगने का डर नहीं है. साथ ही अधिकतर एल्यूलोज पेशाब के जरिए शरीर से निकल जाता है ऐसे में खून में ग्लूकोज नहीं बढ़ता.

    वहीं बात इनक्रेडो की करें तो इजरायल की एक कंपनी ने इसे चीनी के सूक्ष्म कणों में मिलाकर बनाया है. इसकी वजह से शरीर में चीनी के कण शरीर में टूट कर बिखर जाते हैं जिसकी वजह से पहले की तुलना में स्वाद मिलता है. साथ ही बहुत कम मात्रा से काम चलता है. वहीं सपप्लांट पौधों में मिलने वाली प्राकृतिक मिठास है. इसे मक्के के दाने, जौ के रेशे, गेंहू की भूसी पीसकर बनाया जाता है. इसमें भी कैलोरी कम होती है. यह खून में ग्लूकोज धीरे-धीरे बढ़ाता है. यह भी चीनी की तुलना में जल्दी टूटता और घुलता है.

    Tags: Blood Sugar, Health Update, Sugar, Sugarcane Belt

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