(अंकुर शर्मा)
नई दिल्ली. देश की गोपनीय जानकारी को लीक होने से रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से नई एडवाइजरी जारी की गई है. इसके तहत सरकारी अधिकारियों और मंत्रालयों को डिजिटल डिवाइस (Digital Device) के इस्तेमाल को लेकर निर्देश दिए गए हैं. खबर है कि राष्ट्रीय संचार सुरक्षा नीति के दिशानिर्देशों (National Communication Security Policy Guidelines) का बड़े स्तर पर उल्लंघन देखा जा रहा था. इसके अलावा बैठकों में होने वाली चर्चा और वर्क फ्रॉम होम के दौरान सतर्कता की सलाह दी गई है.
सूत्रों के अनुसार, सभी सरकारी अधिकारियों को व्हाट्सऐप, टेलीग्राम आदि पर गोपनीय जानकारी साझा नहीं करने के लिए कहा गया है, क्योंकि देश के बाहर स्थित स्टोरेज सर्वर पर निजी कंपनियों का नियंत्रण होता है और इनका दुरुपयोग हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम या घर से काम कर रहे अधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.
सभी मंत्रालयों से ऐसे उल्लंघनों को रोकने के लिए ‘तत्काल कदम’ उठाने और गोपनीय जानकारी के साथ काम करते हुए संचार सुरक्षा नीति का पालन करने के लिए कहा गया है. मामले के जानकार एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया, ‘कई अधिकारी गोपनीय दस्तावेज को स्कैन कर अपने मोबाइल में रखते हैं और निजी ऐप्लिकेशन्स के जरिए अन्य लोगों के साथ साझा करते हैं. नई डिवाइसेज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम है और सभी मंत्रालयों की तरफ से जारी जरूरी गोपनीय जानकारी पर चर्चा के लिए इनसे बचना चाहिए.’
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी मंत्रालयों को यह सलाह दी गई है कि उन बैठकों में अपने स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच कमरे से बाहर रखें, जहां गोपनीय मुद्दों पर चर्चा की जानी है. दफ्तरों में अधिकारियों को अमेजन ईको, एप्पल होमपॉड, गूगल होम आदि जैसेी ऑफिस असिस्टेंट डिवाइस का उपयोग नहीं करना चाहिए. आगे जिन मीटिंग्स में गोपनीय मुद्दों पर चर्चा की जानी है, वहां प्रवेश से पहले स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच में सिरी और एलेक्सा जैसे डिजिटल असिस्टेंट को बंद करना जरूरी है.
घर से नहीं साझा कर सकते गोपनी जानकारी
सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि तयह सलाह दी गई है कि डिजिटल ऑफिस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को घर से गोपनीय, गुप्त जानकारी या दस्तावेज साझा करने से बचना चाहिए. सिस्टम को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए ऑफिस नेटवर्क से जोड़ा जाना चाहिए. अधिकारियों को अच्छे सुरक्षा उपकरणों का ही इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है. सूत्रों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक ऑफिशियल सिस्टम को घर से नहीं चलाया जा सकता और इसे ऑफिस नेटवर्क के जरिए जोड़ना जरूरी है.
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वीडियो कॉन्फ्रेंस पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचें
सूत्रों ने बताया कि संचार में कहा गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी भी गोपनीय जानकारी या मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी और यह काम ऑफिस में किया जाना चाहिए. निजी मीटिंग एप्लिकेशन्स के बजार सभी अधिकारियों और मंत्रालयों को भारत सरकार के सेटअप का उपयोग करना चाहिए.
मोबाइल ऐप से क्यों है जोखिम
कई सरकारी विभागों के लिए साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान और चीन जैसे देश ऐसी ऐप तैयार करते हैं, जिनमें सुरक्षा से जुड़ी परेशानियां होती हैं और इनका इस्तेमाल स्पायवेयर के तौर पर किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘कोई नहीं जानता कि किस ऐप्लिकेशन में स्पायवेयर हो सकता है और सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी किए गए संचार सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी है. कई देश ऐप्लिकेशन तैयार करते हैं, अलग-अलग स्थानों पर सर्वर तैनात करते हैं और डेटा स्टोर करते हैं, जिसका इस्तेमाल उन देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां कर सकती हैं.’
चीनी ऐप्स पर लगाए प्रतिबंध
भारत सरकार ने साल 2020 में चीन की करीब 100 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें टिकटॉक, शेयरइट, यूसी ब्राउजर और वीचैट, कैम स्कैनर, पबजी जैसी कई ऐप का नाम शामिल था.
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