Kisaan Aandolan: डंडे और ठंडे पानी के बाद भूख से टूट रहे थे किसान, दिल्ली के युवाओं ने पैकेट में भेजी मदद

शुक्रवार रात प्रदर्शन में शामिल किसानों को खाना बांटते हुए UAH के सदस्य. (फोटो: News18 English)
Kisaan Aandolan Live: शुक्रवार की देर रात कुछ लोग सिंघु बॉर्डर पर दाल, चावल और सब्जी के पैकेट बनाकर पहुंचे. दिल्ली के रहने वाले शारिक हुसैन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट अभियान के लिए काम करते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: November 28, 2020, 10:28 PM IST
(राखी बोस)
नई दिल्ली. 'जब से आंदोलन शुरू हुआ है, हम में से ज्यादातर लोगों के पास खाने के लिए नहीं है. यह अजीब बात है कि हम किसान, जो पूरे देश के खाने के लिए खाना पैदा करते हैं, उन्हें ही खाना नहीं दिया गया और अपराधियों की तरह व्यवहार किया'. यह कहना है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ जारी प्रदर्शन में शामिल किसान मोहन का. मोहन हरियाणा के हैं. उन्हीं के जैसे कई किसान दो दिनों सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसानों ने पुलिस की तरफ से फेंके गए आंसू गैस के गोले और ठंड में पानी की तेज बौछारों (Water Canon) का सामना किया. सब कुछ सहन करने के बाद भी किसान भूख के सामने टूटते नजर आ रहे थे कि दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने किसानों का पेट भरने का फैसला किया.
शुक्रवार की देर रात कुछ लोग सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दाल, चावल और सब्जी के पैकेट बनाकर पहुंचे. दिल्ली के रहने वाले शारिक हुसैन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट अभियान के लिए काम करते हैं. सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने वाले सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में शामिल हैं. वह अपनी टीम के साथ मिलकर किसानों के लिए खाना और दवाइयां जुटाने के लिए अभियान चला रहे हैं. शारिक कहते हैं 'वहां पर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है और किसानों को सड़क पर ठंड में उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.' उन्होंने बताया 'कई किसानों के पास एक पतले शॉल के अलावा कुछ नहीं था.'
किसान आंदोलन से जुड़े अपडेट्स यहां पढ़ें: Kisaan Aandolan Live: बैठक खत्म होने के बाद बोले किसान- कहीं नहीं जाएंगे, जारी रखेंगे प्रदर्शनशारिक ने बताया कि उन्हें और उनकी टीम को बॉर्डर के पार नहीं जाने दिया गया. उन्होंने कहा 'हमने दिल्ली में पहुंचे किसानों की मदद करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन कई किसान बॉर्डर के दूसरी तरफ रह गए थे और पुलिस ने हमें उनकी मदद नहीं करने दी. शारिक ने न्यूज 18 को बताया कि समूह के सदस्यों ने अपने खर्च से कुछ किसानों के लिए दाल, चावल और सब्जी की व्यवस्था की. वहीं, किसानों के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के साथ ही समूह ने सैकड़ों लोगों के खाने की तैयारी कर ली थी.
UAH समूह की सदस्य बनोज्योत्सना लहिरी ने बताया 'हमें महसूस हुआ कि वे असल मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं और बांटने का एजेंडा चलाने के बजाए, ऐसे असल मुद्दों को सामने लाना चाहिए'. उन्होंने कहा 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट किसानों के साथ मार्च 2019 में भी खड़ा था और हमने इस बार भी वैसा ही किया है. हमने स्थानीय लोगों से अपील की है कि किसानों के साथ एकता दिखाते हुए मुफ्त में चीजें दान करें.' बनोज्योत्सना ने जानकारी दी 'UAH के सदस्य खाना बनाते और बांटते हैं.'
नई दिल्ली. 'जब से आंदोलन शुरू हुआ है, हम में से ज्यादातर लोगों के पास खाने के लिए नहीं है. यह अजीब बात है कि हम किसान, जो पूरे देश के खाने के लिए खाना पैदा करते हैं, उन्हें ही खाना नहीं दिया गया और अपराधियों की तरह व्यवहार किया'. यह कहना है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ जारी प्रदर्शन में शामिल किसान मोहन का. मोहन हरियाणा के हैं. उन्हीं के जैसे कई किसान दो दिनों सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसानों ने पुलिस की तरफ से फेंके गए आंसू गैस के गोले और ठंड में पानी की तेज बौछारों (Water Canon) का सामना किया. सब कुछ सहन करने के बाद भी किसान भूख के सामने टूटते नजर आ रहे थे कि दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने किसानों का पेट भरने का फैसला किया.
शुक्रवार की देर रात कुछ लोग सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दाल, चावल और सब्जी के पैकेट बनाकर पहुंचे. दिल्ली के रहने वाले शारिक हुसैन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट अभियान के लिए काम करते हैं. सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने वाले सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में शामिल हैं. वह अपनी टीम के साथ मिलकर किसानों के लिए खाना और दवाइयां जुटाने के लिए अभियान चला रहे हैं. शारिक कहते हैं 'वहां पर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है और किसानों को सड़क पर ठंड में उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.' उन्होंने बताया 'कई किसानों के पास एक पतले शॉल के अलावा कुछ नहीं था.'
किसान आंदोलन से जुड़े अपडेट्स यहां पढ़ें: Kisaan Aandolan Live: बैठक खत्म होने के बाद बोले किसान- कहीं नहीं जाएंगे, जारी रखेंगे प्रदर्शनशारिक ने बताया कि उन्हें और उनकी टीम को बॉर्डर के पार नहीं जाने दिया गया. उन्होंने कहा 'हमने दिल्ली में पहुंचे किसानों की मदद करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन कई किसान बॉर्डर के दूसरी तरफ रह गए थे और पुलिस ने हमें उनकी मदद नहीं करने दी. शारिक ने न्यूज 18 को बताया कि समूह के सदस्यों ने अपने खर्च से कुछ किसानों के लिए दाल, चावल और सब्जी की व्यवस्था की. वहीं, किसानों के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के साथ ही समूह ने सैकड़ों लोगों के खाने की तैयारी कर ली थी.
UAH समूह की सदस्य बनोज्योत्सना लहिरी ने बताया 'हमें महसूस हुआ कि वे असल मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं और बांटने का एजेंडा चलाने के बजाए, ऐसे असल मुद्दों को सामने लाना चाहिए'. उन्होंने कहा 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट किसानों के साथ मार्च 2019 में भी खड़ा था और हमने इस बार भी वैसा ही किया है. हमने स्थानीय लोगों से अपील की है कि किसानों के साथ एकता दिखाते हुए मुफ्त में चीजें दान करें.' बनोज्योत्सना ने जानकारी दी 'UAH के सदस्य खाना बनाते और बांटते हैं.'