NIA ने गैंगस्टरों की ट्रेवल हिस्ट्री की भी जांच शुरू की है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों के गठजोड़ की जांच कर एजेंसियों की तफ्तीश में ये जानकारी सामने आई है कि पिछले 6 महीनों में गैंगस्टर वारदात को अंजाम देने के बाद नेपाल का ही रुख कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नेपाल को वो मुनासिब पनाह की जगह मानते हैं जहां जुर्म करने के बाद वो आसानी से छुप सकते हैं. कुछ समय बाद अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर सकते हैं. गिरफ्तार हुए गैंगस्टर छोटूराम भाट और दीपक रंगा से पूछताछ में जांच एजेंसी को यह अहम जानकारी हाथ लगी है.
गैंगस्टर छोटूराम भाट और दीपक रंगा को पिछले 1 महीने के दौरान गिरफ्तार किया गया है. कुछ दिनों पहले NIA ने नेपाल बॉर्डर से मोहाली तरनतारन जिले में RPG अटैक मामले में की बड़ी गिरफ्तारी की थी. इसमें दीपक उर्फ रंगा को गिरफ्तार किया था. दीपक रंगा, खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा का सहयोगी है. 9 मई को मोहाली में स्टेट इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर आरपीजी से हमले के मामले में दीपक रंगा फ़रार था.
गैंगस्टरों की ट्रैवल हिस्ट्री भी खंगाली जा रही
जांच एजेंसियों के मुताबिक, दीपक रंगा ने ही मोहाली इंटेलिजेंस ऑफिस पर हमले की साज़िश रची थी. इसमें पाकिस्तान में बैठे हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा और कनाडा के लखविंदर सिंह उर्फ लांडा उसके साथ थे. इसके बाद वह नेपाल भागकर अपनी गतिविधियां एक बार फिर से शुरू करने की फिराक में था. दरअसल भारत- नेपाल सीमा खुली सीमा है. पिछले कुछ महीनों में विदेशी नागरिकों की अवैध आवाजाही वहां से काफी बढ़ गई है. इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया है. गैंगस्टरों के इस खुलासे के बाद अब गिरफ्तार किए गए गैंगस्टरों की ट्रैवल हिस्ट्री भी खंगाली जा रही ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कितनी बार नेपाल गए हैं.
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