Battle of Longewala: लोंगेवाला पोस्ट के रास्ते भारत पर हमले की साजिश पाकिस्तान ने बहुत सोच समझ कर रची थी. हमले के लिए लोंगेवाला पोस्ट का चुनाव पाकिस्तान ने दो वजहों से किया था. पहली और मूल वजह, भारतीय सेना को युद्ध में उलझाकर पूर्वी क्षेत्र में चल रहे बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को कमजोर करना था. वहीं हमले के लिए लोंगेवाला पोस्ट का चुनाव पाकिस्तान ने अपने एक डर की वजह से किया था.
दरसअल, पाकिस्तान को डर था कि वह पंजाब के रास्ते भारत पर हमला करता है तो भारतीय सेना राजस्थान सीमा से सटे रहीम खान बेस पर कब्जा कर कराची जाने वाली रेलवे लाइन को अपने नियंत्रण में ले सकती है. यदि ऐसा हुआ तो सिंध में पाकिस्तानी सेना को मिलने वाली सैन्य रसद आपूर्ति ठप्प हो जाएगी, जो युद्ध में हार का बड़ा कारण भी बन सकती है. इसी डर से पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए लोंगेवाला पोस्ट का चुनाव किया.
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जैसलमेर पर कब्जा करने की योजना बना रहा था पाकिस्तान
प्रभात प्रकाशन की पुस्तक पराक्रम में लेखक दिनेश कांडपाल ने लिखा है कि पाकिस्तान लोंगेवाला को बेस बनाकर जैसलमेर में कब्जा करने की योजना बना रहा थ्ज्ञा. उसने अपनी सेना की टुकडि़यों को इस तरह से बांट दिया कि लोंगेवाला पर कब्जे के बाद दूसरी टुकडिंयां जैसलमेर के लिए कूच कर सकें. पाकिस्तानी सेना लोंगेवाला, रामगढ़ और जैसलमेर पर कब्जा करके उस महत्वपूर्ण हिस्से व सड़कों पर अपना अधिकार चाहती थीं, जो भारतीय सेना की सप्लाई चेन होती है. इन्हीं सड़कों के जरिए भारतीय सैनिकों की आवाजाही और साजो सामान पहुंचाया जाता था.
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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने कराया भारतीय सेना का फायदा
इस युद्ध में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की नाकाबलियत ने भारतीय सेना के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई. दरअसल, पाकिस्तान एजेंसियों ने अपनी सेना को यह जानकारी दी थी कि लोंगेवाला पोस्ट पर बीएसएफ के चंद जवान ही तैनात हैं. इस पोस्ट को आसानी से कब्जा कर बेस में तब्दील िकया जा सकता है. पाकिस्तानी सेना लोंगेवाला पोस्ट पर बेस बनाने में सफल होती है तो रामगढ़ और जैसलमेर पर आसानी से कब्जा किया जा सकता है. पाकिस्तान की यही गलत जानकारी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के रुख को पलट दिया था.
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