आखिरकार बंगाल में क्यों हो रहे हैं 8 चरणों में चुनाव, यहां समझें पूरा गणित

चुनाव की घोषणा से पहले ही बीजेपी कार्यकर्ताओ पर हमले हुए हैं. कई की हत्या भी हुई. (फ़ाइल फोटो)
चुनाव आयोग के सूत्रों का साफ कहना है कि चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले वो सभी राज्यों का दौरा करते है. वहां की कानून व्यवस्था का जायजा लेते हैं, सभी राजनीतिक दलों से लंबा विचार विमर्श होता है, उसके बाद ही तमाम फैसले लिए जाते है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 27, 2021, 1:20 PM IST
नई दिल्ली. देश के पांच राज्यों में चुनावों को तारीख का ऐलान हो गया. पश्चिम बंगाल के चुनाव पर सबसे ज्यादा नजर है. चुनावी घोषणा के साथ ही चुनाव के चरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि राज्य में आठ चरण में चुनाव किसी को फायदा पहुंचाने के लिए करवाए जा रहे हैं. जाहिर है कि उनका इशारा बीजेपी की तरफ है. वहीं बीजेपी ने चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि अधिक चरण में चुनाव होने से निष्पक्ष और हिंसा रहित चुनाव की संभावना अधिक होगी.
पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव की घोषणा हो गई. लेकिन विवाद सिर्फ बंगाल को लेकर खड़ा हो गया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि क्या किसी को फायदा पहुंचाने के लिए आठ चरण में चुनाव करवाए जा रहे हैं. क्या ये किसी के चुनाव प्रचार को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है कि वो बाकि राज्य का चुनाव निपटा कर अपनी पूरी ताकत बंगाल में लगा सकें. हालांकि उन्होंने दावा किया है कि चुनाव वहीं जीतेंगी, भले ही कुछ भी कर लिया जाए.
चुनाव से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए हमलेममता बनर्जी की इस दलील पर बीजेपी ने कड़ी आपति व्यक्त की है. बीजेपी का कहना है कि राज्य में रक्त रंजित राजनीति का इतिहास रहा है. चुनाव की घोषणा से पहले ही बीजेपी कार्यकर्ताओ पर हमले हुए हैं. कई की हत्या भी हुई. यहां तक कि बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर भी हमला हो गया था. ऐसी सूरत में अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष और हिंसा रहित चुनाव करवाने की कोशिश कर रहा है, तो उस पर आपत्ति क्यों. बीजेपी महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक ममता बनर्जी के पावों के नीचे से जमीन खिसकती जा रही है. जिस कारण वो अनर्गल बात कर रही हैं.
तारीखों के ऐलान से पहले राज्य का दौरा करता है चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के सूत्रों का साफ कहना है कि चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले वो सभी राज्यों का दौरा करते है. वहां की कानून व्यवस्था का जायजा लेते हैं, सभी राजनीतिक दलों से लंबा विचार विमर्श होता है, उसके बाद ही तमाम फैसले लिए जाते है.
ये भी पढ़ेंः- बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में किस दिन होंगे चुनाव, एक क्लिक में जानें
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बंगाल का चुनाव निष्पक्ष हो, केंद्रीय सुरक्षाबलो को निगरानी में हो, हिंसा पर काबू किया जा सके, मतदाता किसी भी भय, प्रलोभन के बिना वोट दे सके, इन सबकी प्राथमिकता चुनाव आयोग की है. हर राज्य की स्थिति अलग होती है. यही कारण है कि तमिलनाडु में 234 सीट होने के बावजूद एक चरण में मतदान हो रहा है और बंगाल में 294 सीट होने पर आठ चरण मे. ये राज्यों की परिस्थिति के हिसाब से फैसला लिया जाता है, लिहाजा इन पर सवाल उठाना बेमानी है.
पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव की घोषणा हो गई. लेकिन विवाद सिर्फ बंगाल को लेकर खड़ा हो गया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि क्या किसी को फायदा पहुंचाने के लिए आठ चरण में चुनाव करवाए जा रहे हैं. क्या ये किसी के चुनाव प्रचार को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है कि वो बाकि राज्य का चुनाव निपटा कर अपनी पूरी ताकत बंगाल में लगा सकें. हालांकि उन्होंने दावा किया है कि चुनाव वहीं जीतेंगी, भले ही कुछ भी कर लिया जाए.

तारीखों के ऐलान से पहले राज्य का दौरा करता है चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के सूत्रों का साफ कहना है कि चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले वो सभी राज्यों का दौरा करते है. वहां की कानून व्यवस्था का जायजा लेते हैं, सभी राजनीतिक दलों से लंबा विचार विमर्श होता है, उसके बाद ही तमाम फैसले लिए जाते है.
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बंगाल का चुनाव निष्पक्ष हो, केंद्रीय सुरक्षाबलो को निगरानी में हो, हिंसा पर काबू किया जा सके, मतदाता किसी भी भय, प्रलोभन के बिना वोट दे सके, इन सबकी प्राथमिकता चुनाव आयोग की है. हर राज्य की स्थिति अलग होती है. यही कारण है कि तमिलनाडु में 234 सीट होने के बावजूद एक चरण में मतदान हो रहा है और बंगाल में 294 सीट होने पर आठ चरण मे. ये राज्यों की परिस्थिति के हिसाब से फैसला लिया जाता है, लिहाजा इन पर सवाल उठाना बेमानी है.